अब्बय्या, जिला पंचायत, सार्वजनिक शिक्षा विभाग धारवाड़, शहर क्षेत्र शिक्षाधिकारी कार्यालय हुब्बल्ली की ओर से शहर के अंजुमन रायल फंक्शन हाल में भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित शिक्षक दिवस एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों के सम्मान समारोह का उद्घाटन कर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग के हिसाब से पढ़ाने का तरीका बदलना चाहिए। इस दिशा में मेरे क्षेत्र में आने वाले अधिकतर सरकारी स्कूलों में ढ़ांचागत सुविधाओं के साथ स्मार्ट बोर्ड लगाए गए हैं। सरकारी स्कूलों को दिल्ली की तर्ज पर पूरी तरह स्मार्ट क्लास के तौर पर परिवर्तित करने के लिए 40 करोड़ रुपए के लागत की कार्य योजना तैयार कर सरकार को सौपी गई है। मंजूरी मिलने पर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलेगी।
उन्होंने कहा कि दुनिया में मां के अलावा सभी समस्याओं के लिए मार्गदर्शक के तौर खड़ा होने वाला कोई है तो वह शिक्षक है। सरलता, संयम, समग्रता का प्रतिरूप शिक्षक वास्तव में अनुकरणीय है। सकारात्मक सोच को विकसित कर सन्मार्ग को दिखाना वाले शिक्षक कभी सेवा निवृत्ति नहीं होते।
धारवाड़ के प्रोबेशनरी उपविभागाधिकारी शेखर जे.डी ने कहा कि संविधान में शिक्षा मौलिक अधिकार है। देश के सभी बच्चों को मौलिक शिक्षा देने पर विचार कर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई। आज के बच्चे भविष्य के नागरिक हैं। बच्चों को शिक्षित कर सशक्त राष्ट्र निर्माण करने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
इस मौके पर शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धी हासिल करने वाले शिक्षकों तथा 45 सेवा निवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया। तहसीलदार शशिधर माड्याल, प्रभारी क्षेत्र शिक्षाधिकारी अशोक कुंबार, महानगर निगम पार्षद विजनगौड़ा पाटील, प्रहलाद गेज्जे, एमवी अडिवेर, बीआर बोम्मनहल्ली, एमएच जंगली, नारायण बद्दी, एसवाई विभूति आदि उपस्थित थे।