अंगूर और तरबूज को उत्पादकों से सीधे ग्राहकों को बेचने के उद्देश्य से इस तरह के मेले आयोजित किए जा रहे हैं। उत्पाद कों को बिचौ लियों ले दूर रखने से ग्राहकों को अपनी पसंद के अंगूर, तर बूज उचित दाम में खरीदने का अव सर उपलब्ध हुआ है।
इस मेले में प्रदेश के विजयपुर, बागलकोट, कोप्पल, गदग, कोलार, चिकबल्लापुर और बेंगलूरु ग्रामीण जिलों के लगभग २०० उत्पादकों से अंगूर और तरबूजों की बिक्री का अवसर उपलब्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी) में आउट पोस्ट पुलिस थाने स्थापित किए गए हैं।
जिससे दलालों को प्रवेश का अवसर नहीं मिल रहा है। बेंगलूरु और अन्य शहरों में बाग वानी उत्पादक सहकारी विपणन समि तियां आरंभ करना चाहते हैं, लेकिन ग्राहकों की रुचि नहीं होने पर कई हॉपकाम्स दुकानें बंद हो गए। अगर स्थितियां अन कूल रहीं तो इन्हें फिर शुरू कि या जाएगा।
ग्राहकों का यह भी कहना है कि हॉपकाम्स की कई दुकानों में रेट लिस्ट नहीं लगी होती है, इसलिए अब हॉपकाम्स में हर दिन सभी सब्जी और फलों की कीमत दर्ज करनी होगी। एक साल में बागवानी उत्पादोंं के उत्पादन का विस्तार दो लाख हेक्टेयर तक किया है। सूखा ग्रस्त जिलों में अब कृषि से ज्यादा बागवानी क्षेत्र को प्रमुखता दी जा रही है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री व विधायक रामलिंगा रेड्डी, हॉपकाम्स के चेयरमैन चंद्रेगौड़ा, बागवानी विभाग के प्रमुख सचिव एम. महेश्वर राव, निदेशक वाइ.एस. पाटिल और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।