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बैंगलोर

अदालत के दखल से टल गया मेट्रो के यात्रियों का बड़ा संकट

कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के कारण सोमवार मध्यरात्रि से प्रस्तावित मेट्रो रेल के कर्मचारियों की कम से कम एक पखवाड़े के लिए हड़ताल टल गई

बैंगलोरJun 05, 2018 / 04:03 pm

Ram Naresh Gautam

namma metro

अदालत के दखल से टल गया मेट्रो के यात्रियों का बड़ा संकट

बेंगलूरु. अदालत के दखल के बाद एक बार फिर शहर के करीब 3.5 लाख मेट्रो रेल यात्रियों को राहत मिली। कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के कारण सोमवार मध्यरात्रि से प्रस्तावित मेट्रो रेल के कर्मचारियों की कम से कम एक पखवाड़े के लिए हड़ताल टल गई। अदालत ने द्विपक्षीय बातचीत विफल रहने के बाद अब सरकार को मुख्य सचिव स्तर पर त्रिपक्षीय बातचीत का सुझाव दिया है। अदालत ने मेट्रो कर्मचारियों को 19 जून तक हड़ताल नहीं करने के लिए कहा है।
उच्च न्यायालय ने सोमवार को हड़ताल से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को 18 जून से पहले त्रिपक्षीय बातचीत कर मामले को सुलझाने के निर्देश दिए। साथ ही मेट्रो रेल कर्मचारी संघ को भी तब हड़ताल स्थगित करने के लिए कहा। अदालत ने मेट्रो रेल निगम प्रशासन को इस दौरान कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के लिए भी कहा। अदालत के आदेश के बाद बेंगलूरु मेेट्रो कर्मचारी संघ (बीएमआरइयू) ने भी हड़ताल स्थगित करने की घोषणा कर दी। इससे मेट्रो प्रबंधन के साथ ही यात्रियों ने भी राहत की सांस ली। संघ के उपाध्यक्ष सूर्य नारायणमूर्ति ने कहा कि हमने अदालत के आदेश के बाद हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया।
संघ ने मेट्रो प्रबंधन के साथ कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद हड़ताल की घोषणा की थी। हालांकि, कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की स्थिति में परिचालन को सामान्य बनाए रखने के लिए मेट्रो रेल प्रबंधन ने वैकल्पिक इंतजाम किए थे। हड़ताल के दौरान नियमित परिचालन के लिए बेंगलूरु मेेट्रो रेल निगम ने कोच्चि रेल निगम से 90 ऑपरेटरों की सेवा भी मांगी थी। इसके साथ ही निगम ने हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। हड़ताल के आह्वान को देखते हुए सभी मेट्रो स्टेशनों और डिपो पर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई के में अपने एक साथी की गिरफ्तारी के बाद मेट्रो रेल कर्मचारियों ने अचानक हड़ताल कर दी थी जिसके कारण करीब 7 घंटे तक मेट्रो रेल का परिचालन ठप रहा था। इसके बाद से ही वेतन, भत्ते और सुविधाओंं को लेकर मेट्रो कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच ठनी हुई है। पिछले तीन महीने के दौरान अदालत के दखल के बाद कर्मचारी और प्रबंधन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई। पिछले सप्ताह श्रमायुक्त की मौजूदगी में हुई बातचीत भी बेनतीजा रही थी।
निगम के पास सीमित अधिकार
अदालत के ताजा आदेश के बारे में पूछे जाने पर पर मेट्रो रेल निगम के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक और अतिरिक्त मुख्य सचिव (शहरी विकास) महेंद्र जैन ने कहा कि हमने हमेशा कहा है कि यात्रियों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। अदालत ने कर्मचारियों व निगम के बीच मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बातचीत के लिए कहा है। जैन ने कहा कि कर्मचारियों के साथ कई बार बातचीत इसलिए विफल हो गई क्योंकि उनकी कुछ वित्तीय मांगें हमारे हिसाब से उचित नहीं हैं। वित्तीय मामलों में हम कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं क्योंकि मेट्रो रेल निगम घाटे में चल रहा सार्वजनिक उपक्रम है। करार पत्र के मुताबिक ऐसे मामलों में सिर्फ राज्य सरकार की निर्णय ले सकती है।
8 से पहले मुख्य सचिव बुलाएं बैठक
जस्टिस ए एस बोपण्णा की एकल पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए यह मामला आम लोगों के हितों से जुड़ा है और इसका सामधान जल्द होना चाहिए। अदालत ने मुख्य सचिव को 8 जून से पहले मामले को सुलझाने के लिए एक तिथि निश्चित कर मेट्रो रेल निगम और मेट्रो कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बनाने के लिए कहा। अदालत ने कहा कि मुख्य सचिव बैठक में कर्मचारी संघ की मांगों और उस पर मेट्रो रेल निगम की दलील को सुनें और उसके बाद आगे बातचीत कर समाधान तलाशें। अदालत ने मुख्य सचिव को 18 जून से पहले दोनों पक्षों से बातचीत कर मामले को सुलझाने के लिए कहा है। साथ ही 19 जून को होने वाली अगली सुनवाई पर बैठक और बातचीत के नतीजे के बारे में रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान मेट्रो रेल निगम की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि शहरी विकास मंत्री के पद रिक्त होने के कारण निगम अभी वित्तीय और नीतिगत मामलों से जुड़े कर्मचारियों की मांगों पर फैसला लेने की स्थिति में नहीं है। अदालत कर्मचारी संघ की ओर मेट्रो को आवश्यक सेवा घोषित करने और एस्मा के दायरे में लाने के राज्य सरकार के जुलाई 2017 के फैसले दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है।

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