बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रशासन से समान मूल्य के भूमि मिलने का इंतजार नहीं करें और बुनियादी विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए तुरंत भूमि हस्तांतरित करें। लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े इसलिए भूमि हस्तांतरण जल्दी से जल्दी हो क्योंकि इसके लिए 10 परियोजनाएं रुकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में एचडी कुमारस्वामी ने उनसे मुलाकात की थी जिसमें रक्षा भूमि हस्तांतरण की बात कही थी ताकि लंबित परियोजनाओं का काम पूरा किया जा सके। यह बैठक उसी मुलाकात की अगली कड़ी है।
रक्षा भूमि हस्तांतरण के बाद कई अधूरी परियोजनाएं पूरी होंगी जिससे बेंगलूरु की यातायात जाम समस्या से थोड़ी राहत मिलेगी। बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) की सड़क चौड़ीकरण, फ्लाइ ओवर, एलिवेटेड कोरिडोर आदि कई परियोजनाएं इसके चलते लंबित हैं। बैठक के दौरान रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार दोनों इस बात पर सहमत हुए कि लंबित सभी 10 परियोजनाओं को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए। इनमें से 8 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बीबीएमपी को रक्षा भूमि स्थायी रूप से चाहिए जिसके बदले समान मूल्य की भूमि राज्य सरकार रक्षा विभाग को लौटाएगी।
दो अन्य परियोजनाओं के लिए रक्षा विभाग से उपयोग की अनुमति चाहिए जो मिल गई। राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय को आश्वस्त किया कि उसे बेंगलूरु और उसके आसपास तीन स्थानों पर 209.8 एकड़ भूमि रक्षा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार सौंपा जाएगा। राज्य सरकार और रक्षा मंत्रालय दोनों ने बैठक को संतोषप्रद बताया क्योंकि यह आम जनता से जुड़ा हुआ विषय था जो हल हो गया।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पिछले दो दशकों में शहर का तीव्र विकास हुआ है जिससे यातायात जाम, प्रदूषण की समस्या और कई अन्य नागरिक समस्याएं भी बढ़ी हैं। इस तीव्र विकास के अनुरूप शहर की बुनियादी सुविधाओं का विस्तार बेहद जरूरी है। इसमें सड़कें, फ्लाइओवर, पुल, अंडर-पास और इलेवेटेड कोरिडोर आदि का निर्माण कर यातायात जाम को कम करने के उपाय किए जा रहे हैं।
इसके लिए 45 हजार 165.8 4 वर्ग मीटर रक्षा भूमि जिसकी कीमत 282.09 करोड़ रुपए आंकी गई है स्थायी तौर पर बीबीएमपी को सौंपी जाएगी जिससे 8 परियोजनाएं पूरी होंगी। वहीं दो परियोजनाओं के लिए 10 हजार 654 वर्गमीटर रक्षा भूमि अस्थायी रूप से लाइसेंस के आधार पर हस्तांतरित की जाएगी। इसके लिए रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए आनेकल में 200 एकड़ जमीन दी जाएगी। निर्मला ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को तत्काल इन कार्यों के लिए निर्माण शुरू करने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं और भूमि अदला-बदली की प्रक्रिया बाद में पूरी होगी। बैठक में महापौर आर संपतराज, मुख्य सचिव टीएम भास्कर और अपर सचिव महेंद्र जैन भी मौजूद रहे।