वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ, एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने एचएएल के टेस्ट पायलट विंग सीडीआर (सेवानिवृत्त) सुभाष पी. जॉन के साथ हाल ही में एक ऐसे ही अभियान में भाग लिया जिसके तहत एक ऊंचाई वाले स्थान पर उड़ान भरकर अग्रिम मोर्चे पर हमले का अभ्यास किया गया। इसके बाद क्षेत्र के एक बेहद खतरनाक हेलीपैड पर लैंडिंग का अभ्यास भी किया गया। एलसीएच ने इस विपरीत हालात वाले क्षेत्र में भी शानदार प्रदर्शन कर अपनी त्वरित तैनाती के निर्णय को सही सबित किया।
एचएएल ने कहा है कि एलसीएच अत्याधुनिक प्रणालियों और हथियारों से लैस उन्नत किस्म का हेलीकॉप्टर है जो दिन हो या रात लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सक्षम हैं। इसके अलावा, इसमें विभिन्न परिस्थितियों में पर्याप्त हथियारों के साथ अत्यंत ऊंचाई पर उड़ान भरने और आक्रमण करने की अद्भूत क्षमता है। इसकी ये सारी विशेषताएं इसे अधिक तापमान और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑपरेशंस के लिए इसे सबसे उपयुक्त बनाती है। भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना को लगभग 160 एलसीएच की आवश्यकता है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने शुरूआती चरण के लिए 15 एलसीएच के खरीद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। तकनीकी मूल्यांकन और कीमत को लेकर मोलभाव का काम संपन्न हो चुका है और एचएएल की तरफ से इसकी आपूर्ति जल्द होने की उम्मीद है।