लाखों रुपए खर्च फिर भी बेंगलूरु की सबसे बड़ी झील का ये हाल…कौन है जिम्मेदार
पहले इस खूबसूरत झील परिसर में आस-पास के शिवाजीनगर, भारतीनगर, पुलकेशीनगर, इंदिरानगर कल्लहल्ली जैसे क्षेत्रों के लोग प्रति दिन सुबह की सैर-सपाटी के लिए पहुंचते थे। झील में सैलानियों के लिए बोटिंग की सुविधा भी थी लेकिन अब इस झील से आ रही बदबू के कारण ऐसे लोगों की संख्या लगातार घटती जा रही है। इस झील में जलकुंभी फैल रही है। साथ में इस झील में लोग प्लास्टिक तथा थर्माकोल के कचरा फेंक रहे है।
लाखों रुपए फूंकने के बावजूद बदसूरत हाल में हलसूर झील
बेंगलूरु. मशहूर पर्यटन क्षेत्र में शामिल और लगभग छह एकड़ में फैली शहर की हलसूर झील की सफाई तथा उन्नयन पर लाखों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद यह झील खस्ताहाल में है।
पहले इस खूबसूरत झील परिसर में आस-पास के शिवाजीनगर, भारतीनगर, पुलकेशीनगर, इंदिरानगर कल्लहल्ली जैसे क्षेत्रों के लोग प्रति दिन सुबह की सैर-सपाटी के लिए पहुंचते थे। झील में सैलानियों के लिए बोटिंग की सुविधा भी थी लेकिन अब इस झील से आ रही बदबू के कारण ऐसे लोगों की संख्या लगातार घटती जा रही है। इस झील में जलकुंभी फैल रही है। साथ में इस झील में लोग प्लास्टिक तथा थर्माकोल के कचरा फेंक रहे है।
झील का प्रशिक्षण के लिए उपयोग करने वाले मद्रास इंजीनियरिंग गु्रप (सैपर्स) के जवान कई बार झील की सफाई का काम कर चुके हैं लेकिन वह पूरी झील की सफाई करने में सक्षम नहीं हुए हैं। दरअसल झील की सफाई का काम भी उनका नहीं है। झील का दायित्व निर्वहन करनेवाली बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) इस झील की नियमित अंतराल पर साफ-सफाई करने में विफल रही है।
महानगरपालिका के झील प्रकोष्ठ की अभियंता स्वप्ना के अनुसार इस झील की सफाई के लिए इस माह के अंतिम सप्ताह में निविदाएं आमंत्रित की गई है। महानगरपालिका ने वर्ष 2018 -19 में इस झील की सफाई के लिए 20 लाख रुपए का आवंटन किया है। लेकिन प्रति वर्ष इस झील की सफाई पर लाखों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद इस झील के हालात बद से बदतर होते जा रहें है। झील में आस-पास के आवासीय क्षेत्रों का मलजल सामहित होने के कारण इस पानी की बदबू बढ़ रही है।
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