कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एजजी रमेश और न्यायाधीश पीएस दिनेश कुमार की विशेष खंडपीठ ने माई गौड़ा के जरिए दाखिल जन हित याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़े सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि शहर के चारों तरफ बड़े-बड़े अवैध होर्डिंग्स दिखते हैं। लेकिन पालिका के अधिकारियों को क्यों नहीं दिखाई दे रहे।
उन्होंने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं कि होर्डिंग्स माफिया के पीछे अधिकारियों का एक बड़ा वर्ग काम कर रहा है। पालिका ने कितने होर्डिंग्स को मंजूरी दी गई और कितने होर्डिंग्स से शुल्क संग्रहित किया जा रहा है। पांच साल में कितना कर संग्रहित किया गया, इसका विवरण पालिका के पास नहीं है।
अगर निर्धारित समय में होर्डिंग्स को नहींं हटाया तो कोर्ट के सामने सजा देने के अलावा कोई उपाय नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि होर्डिंग्स से शहर की सुंदरता पर एक तरह से दाग लगा है। शहर में कई प्रमुख सडक़ों पर डिजिटल सूचना पटलों पर भी विज्ञापन लगे हैं। यात्रियों को पता नही चलता कि उन्हें किस मार्ग पर जाना है। बीएमटीसी की बसों की खिड़कियों, आगे और पीछे विज्ञापन लगे रहते है।
इससे पालिका को आमदनी हो रही है या नहीं। बीएमटीसी को अधिकार ही नहीं है कि वह बसों पर विज्ञापन लगाने की मंजूरी दे। इसके लिए पालिका से अनुमति लेना अनिवार्य है। पालिका को आमदनी में से पचास फीसदी आमदनी का हिस्सा देना पड़ता है।
कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई १७ फरवरी तक टाल दी। इससे पहले पालिका के अधिवक्ता श्रीनिधि ने कहा कि पालिका ने गत वर्ष ७०० से अधिक अवैध होर्डिंग्स हटाए है।
बणकार को विप में दी श्रद्धांजलि
बेंगलूरु. स्वतंत्रता सेनानी, विधायक, मंत्री तथा विधानसभा अध्यक्ष समेत कई महत्वपूर्ण दायित्व निभाने वाले दिवंगत बी.जी.बणकार एक सरल सज्जन तथा कर्मठ राजनेता थे। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने यह बात कही। विधान परिषद में गुरुवार को सभापति डी.एच.शंकरमूर्ति ने शोक प्रस्ताव रखा। परिषद ने मौन रखकर श्रद्धांजलि प्रदान की।