अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि टीबी, हृदय और निमोनिया के कई मरीज कोरोना वायरस का शिकार हुए हैं लेकिन एचआइवी पॉजिटिव मरीज के संक्रमित होने का यह पहला मामला है। इन सब समस्याओं के कारण मरीज में वायरल लोड (viral load) ज्यादा होगा। कोरोना संक्रमण आम मरीजों की तुलना में ज्यादा परेशान करेगा और तेजी से प्रभावित करेगा।
एचआइवी मरीज अगर एआरटी (ART) नहीं ले रहा हो तभी उसके कोरोना संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए एचआइवी के मरीजों के लिए जरूरी है एआरटी को नजरअंदाज नहीं करें और सीडी-4 काउंट को गिरने न दें। सीडी-4 कोशिका सफेद रक्त कोशिकाओं का प्रकार है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता दर्शाता है। सीडी-4 काउंट नियंत्रित रहे और मरीज नियमित रूप से एआरटी पर हो तो कोरोना को हराने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
इससे पहले केरल में भी एक इसी तरह का मामला सामने आया था। लेकिन कोरोना संक्रमित एचआइवी पॉजिटिव मरीज का सफलतापूर्वक उपचार हुआ। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के 2018-19 रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक में एचआइवी के करीब 2.5 लाख पॉजिटिव मरीज हैं।