scriptमानव-वन्यजीव संघर्ष, चार वर्ष में 153 लोगों ने गंवाई जान | human-wildlife conflict, 153 dead in 4 years | Patrika News
बैंगलोर

मानव-वन्यजीव संघर्ष, चार वर्ष में 153 लोगों ने गंवाई जान

प्रदेश सरकार अब पांच लाख के बदले देगी 7.5 लाख रुपए बतौर मुआवजा

बैंगलोरJan 13, 2020 / 08:57 pm

Nikhil Kumar

leopard.jpg

बेंगलूरु. मानव व वन्यजीव संघर्ष में गत चार वर्षों में 153 लोगों ने जान गंवाई है। इनमें से 21 मौतें गर्त वर्ष हुई हैं। वर्ष 2017-18 में 36, 2016-17 में 49 और 2015-16 में 47 लोगों की जान गई।

ताजा घटना में गुरुवार को तुमकूरु के मणिकुप्पे में तेंदुए के हमले में एक पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। मानव व वन्यजीव संघर्ष हमेशा चिंता का विषय रहा है। कई बार वन विभाग को स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। मुआवजा राशि को लेकर भी वन विभाग, प्रदेश सरकार और लोगों के बीच समन्वय की कमी जान पड़ती है। वन विभाग के कई प्रयासों के बाद प्रदेश सरकार मुआवजा राशि बढ़ाने पर सहमत हुई है। सरकार ने मुआवजा राशि को पांच लाख से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपए किया है।

हालांकि वन विभाग ने गत वर्ष जनवरी में आयोजित प्रदेश वन्यजीव की बैठक में मुआवजा राशि 10 लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया था।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार मानव व वन्यजीवों के बीच संघर्ष की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं। हाथी और तेंदुए से सर्वाधिक खतरा है। गत कुछ सप्ताह में चार लोगों की जान गई है। जबकि संदिग्ध परिस्थितियों में चार अन्य लोगों की मौत हुई है।

वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि तेंदुए का मानव बस्तियों में देखे और पकड़ा जाना जैसे रोज की बात हो गई है। लेकिन तेंदुए पकड़े जा रहे है या नहीं इस पर कई सवाल हैं। संघर्ष में वन्यजीवों की भी मौत हो रही है। चिकमगलूर में शनिवार को एक तेंदुआ मृत मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुए के शरीर पर जख्म की बात सामने आई। मुआवजा राशि में वृद्धि सराहनीय है। लेकिन खतरनाक वन्यजीवों के संरक्षण व उन्हें पकडऩे में सही मानदंडों का पालन भी आवश्यक है।

संघर्ष की समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन करे। जिसमें वन्यजीव विशेषज्ञ, पशु चिकित्सक, बचाव दल और गैर सरकारी संगठन आदि शामिल हों। वन्यजीवों को पकडऩे से पहले इनके व्यवहार का अध्ययन हो। नहीं तो गलत जानवर पकड़े जाते रहेंगे। तुमकूरु में बच्चे की मौत के बाद तेंदुए को पकडऩे के लिए विभिन्न स्थानों पर 15 पिंजरे लगाए गए हैं।

Home / Bangalore / मानव-वन्यजीव संघर्ष, चार वर्ष में 153 लोगों ने गंवाई जान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो