स्थानीय वीवीपुरम स्थित महावीर धर्मशाला में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी डॉ कुमुदलता की पावन निश्रा में साध्वी महाप्रज्ञा ने उत्तराध्ययन सूत्र आराधना के चौबीसवें अध्ययन के माध्यम से पांच समिति और तीन गुप्ति की विवेचना करते हुए कहा कि जिस प्रकार मां अपने संतान का रक्षण व पालन पोषण करती है, उसी प्रकार साधक की प्रवृति में तीन गुप्ति और पांच समितियां उसकी पाप से रक्षा करती हैं।
बैंगलोर•Oct 23, 2019 / 09:53 pm•
Santosh kumar Pandey
व्यक्ति की पहचान उसके गुणों से: साध्वी महाप्रज्ञा
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