बेंगलूरु. सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम तीर्थ में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर की निश्रा में 9 दिवसीय 99 यात्रा में चंद्रप्रभु जूना मंदिर, चेन्नई के अध्यक्ष पन्नालाल सिंघवी, सह सचिव बादरमल कटारिया, सुरेशज,लक्ष्मी चंद आदि का तीर्थ दर्शनार्थ आगमन हुआ। सिंघवी ने कहा कि इतना विशाल भव्य तीर्थ जिनशासन की महान धरोहर है। यहां पर गतिमान 99 यात्रा का नजारा देखकर मन आनंद विभोर हो गया।
आचार्य ने प्रवचन में कहा कि संसार दो प्रकार का है। एक बाह्य, दूसरा आभ्यंतर। बाह्य संसार बाहरी जगत ओर आभ्यंतर संसार हमारा अंतःकरण है। मन में किसी के प्रति दुर्भाव रखना ठीक नहीं। कितनी भी साधना करें लेकिन जीवों के प्रति मन में दुर्भाव है तो आत्मा का पतन निश्चित है। मन में मैत्री भाव नहीं है और जीवों के प्रति दुर्भाव है तो हमारा संसार बढ़ जाएगा। अंतःकरण को शुद्ध करने के लिए आत्म जागृति ही लानी होगी।ट्रस्ट की ओर से अतिथियों का सम्मान किया गया।