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बैंगलोर

सिद्धू बोले, सामाजिक विकास के लिए गुणात्मक शिक्षा अनिवार्य

किसी भी देश का विकास का मानदंड तय करने में उस देश की शिक्षा काफी मायने रखती है।

बैंगलोरMar 08, 2018 / 09:12 pm

शंकर शर्मा

BENGALURU CENTRAL UNIVERSITY

बेंगलूरु. किसी भी देश का विकास का मानदंड तय करने में उस देश की शिक्षा काफी मायने रखती है। जब तक समाज के हर वर्ग तक हम गुणात्मक शिक्षा नहीं पहुंचा सकते हैं तब तक हम समाज के समग्र विकास का दावा नहीं कर सकते हैं। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने यह बात कही। यहां बुधवार को बेंगलूरु केंद्रीय विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में इस नए विवि का लोगो जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के अनुसार अब किसी भी विवि में 200 से अधिक कॉलेज संलग्न नहीं हो सकते हैं। बेंगलूरु विवि के विभाजन से पहले इस विवि में 600 से अधिक कॉलेज संलग्न थे तथा विद्यार्थियों की संख्या भी 6 लाख से अधिक हो गई थी।

लिहाजा यूजीसी के निर्देशों के तहत इस विवि को उत्तर, मध्य तथा दक्षिण बेंगलूरु विवि के रूप में विभाजित किया गया है। विभाजन के बाद बेंगलूरु केंद्रीय विवि में 200 कॉलेज संलग्न है। विवि के विभाजन के कारण अब इस विवि का प्रशासन सरल होगा। उच्च शिक्षा मंत्री बसवराज रायरेड्डी ने कहा कि वर्ष 2018-19 के बजट में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के लिए 28,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।

देश की आबादी के अनुपात में विश्वविद्यालयों की संख्या काफी कम होने के कारण अभी भी देश में केवल 24 फीसदी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा मिल रही है। उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न 17 जिलों में आवासीय कॉलेज स्थापित करने का फैसला किया है। इस के लिए हर आवासीय कॉलेज के लिए 25-25 करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया गया है। राज्य के सभी सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज के सभी विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क लैपटॉप वितरित किए जाएंगे। छात्राओं को पहली कक्षा से लेकर स्नानकोत्तर शिक्षा के लिए कोई शिक्षा शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा।

इस समारोह में बेंगलूरु शहर विकास मंत्री के.जे. जार्ज, परिवहन मंत्री एच. एम. रेवण्णा, कुलपति प्रो. एस. जाफेट, कुलसचिव प्रो. रामचंद्रेगौड़ा, प्रो. लिंगराजू गांधी उपस्थित थे।

वीटीयू की प्रौद्यागिकी शिक्षा क्षेत्र में सेवाएं सराहनीय: सीएम
विश्वेश्वरय्या प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (वीटीयू) के शतमानोत्सव के लिए राज्य सरकार ने 25 करोड़ रुपए का विशेष अनुदान जारी किया है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने यह बात कही।


बुधवार को वीटीयू की ओर से आयोजित समारोह में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि मई माह में यह विश्वविद्यालय 100वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है।


उच्च शिक्षा मंत्री बसवराज रायरेड्डी ने शताब्दी समारोह के लिए 25 करोड़ रुपए का विशेष अनुदान जारी करने का प्रस्ताव रखा था, जिसके तहत यह विशेष अनुदान जारी करने का फैसला लिया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इस अनूठे विश्वविद्यालय ने प्रौद्यागिकी शिक्षा क्षेत्र में विशिष्ट सेवाओं के माध्यम से कर्नाटक का नाम पूरे देश में रोशन किया है। राज्य के विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण की योजना इससे पहले केवल अजा-जजा समुदाय के विद्यार्थियों तक सीमित थी, लेकिन अब योजना के अंतर्गत सभी समुदाय के विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का फैसला किया गया है, जिसके तहत दूसरी पीयूसी के सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क लैपटॉप वितरित किए जाएंगे। छात्राओं को पहली कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक नि:शुल्क शिक्षा मुहैया करने का फैसला किया गया है।


शिक्षा तथा स्वास्थ्य चिकित्सा की सुविधाएं समाज के सभी वर्गों को मिले इसलिए राज्य सरकार ने कई कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू किए हैं।

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