घर में बढ़ाओ पुण्य का क्षेत्र
घर में बढ़ाओ पुण्य का क्षेत्र
बेंगलूरु. अशोक नगर शूले जैन स्थानक में विराजित श्रमण संघीय डॉ.समकित मुनि ने समकित की यात्रा के अंतर्गत बत्तीस शुभ योग संग्रह के सूत्रों पर विवेचन करते हुए कहा कि अपनी ऊर्जा को पुण्य के क्षेत्र में खर्च करें। घर में पाप की सामग्री में कटौती करें। पुण्य कमाई के साधन ज्यादा बढ़ाओ। हाथ में माला रखो मोबाइल नहीं। अपना समय टीवी देखने नहीं सामयिक करने में व्यतीत करो। घर में साधन पाप के होंगे तो नजरें पापी बनेंगी। नजर को पापी नहीं बनाना तो घर में पुण्य के क्षेत्र को बढ़ाओ, जिसमें हम अपनी ऊर्जा खर्च कर सकें। जिसकी नजर पापी बन जाती है, उसे पाप के नजारे पसंद आते हैं। पापी नजर को अच्छे व्यक्ति सुहाते नहीं। नजरों को पापी बना लिया तो जीवन में पाप होने प्रारंभ हो जाते हैं। अपने घर का वातावरण ऐसा बनाओ कि रहने वाले प्रत्येक सदस्य की नजर भोग कि नहीं योग की बने।
आज के युवा गलत मार्ग पकड़ रहे हैं, आधुनिकता के नाम पर युवतियां बिगड़ रही हैं। संस्कृति विक्रत हो रही है। यदि इसे रोकना है तो घर के वातावरण को पाप से पुण्य में तब्दील करो। हाथ में स्मार्ट मोबाइल लेने से जिंदगी स्मार्ट नहीं बनती। अपने घर के वातावरण को सुधार कर हम अपना जीवन सुधार सकते हैं। अपने घर को पुण्यमय बनाना है तो बुरा देखना और बुरा सुनना बंद कर दो। इससे हम बुरा करना बंद कर सकते हैं। अच्छा सुनोगे तो अच्छे बनोगे युवा पीढ़ी का गलत रास्ते पर बढऩे का कारण है स्मार्टफोन। बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जो मोबाइल का उपयोग सही ढंग से करते हैं। अन्यथा बच्चे मोबाइल का ज्यादा दुरुपयोग ही करते हैं। जिस कारण से बच्चे किसी भी गलत कार्य को करने से पहले सोचते नहीं ,बल्कि कर गुजरते हैं, और माता-पिता को शर्मिंदा होना पड़ता है। माता-पिता यदि बच्चों पर ध्यान रखें उन्हें ढीलापन ना दें तो बच्चों का भविष्य सम उज्जवल बन सकता है। घर का वातावरण भी पवित्र बना रहेगा। घर में पुण्य क्षेत्र बढ़ाओ शुभ सोचेंगे तो अशुभ नाम कर्म का शय होता है। घर में पाप के साधन जितने कम होंगे उतनी ही शांति होगी। संचालन संघ के मंत्री मनोहर लाल बम्ब ने किया।
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