क्षेत्र में मौसम के परिवर्तन के साथ ही सर्दी, जुकाम व बुखार के रोग बढ़ रहा है। वही मच्छरों के आंतक बढऩे से मलेरिया रोगियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। सरकारी चिकित्सालयों के साथ साथ निजी चिकित्सालयों में भी मलेरिया रोगियों का इलाज चल रहा है। क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक निजी लैब है, यहां प्रतिदिन पांच से दस रोगी मलेरिया प्रभावित निकलते हैं। वही स्वास्थ्य विभाग की ओर से मलेरिया के रोगी ना के बराबर बताए जा रहे हैं। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आधा दर्जन से अधिक मलेरिया रोगी इलाज करवा रहे हैं।
ली रक्त पट्टिका स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी माह से अबतक सूरतगढ़ ब्लॉक की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजी गई रिपोर्टो में एक भी मलेरिया रोगी नहीं दिखाया गया। विभाग की ओर से जनवरी माह से अबतक 22 हजार 746 रक्त पट्टिका ली गई। इसके तहत सूरतगढ़ सीएचसी में 4276, ठुकराना पीएचसी में 1358, राजियसर सीएचसी में 2411, बीरमाना पीएचसी में 4397, सरदारगढ़ पीएचसी में 732 ढाबा पीएचसी में 3247 सोमासर पीएचसी में 2528, देईदासपुरा पीएचसी में 21, निरवाना सीएचसी में 2376, बख्तावरपुरा पीएचसी में 2132 रक्तपट्टिकाएं ली गई। इसमें से एक भी मलेरिया रोगी चिन्हित नहीं हो सका। इन आंकड़ों पर नजर डाले तो सूरतगढ़ ब्लॉक मलेरिया रोग से मुक्त है। वही दूसरी ओर निजी लैब की रिपोर्टो को देखा जाए तो सूरतगढ़ में मलेरिया रोगियों की संख्या हजारों में होगी। फिर भी स्वास्थ्य विभाग क्षेत्र में मलेरिया के लिए सर्वे करवाकर खानापूर्ति करवाने में लगा हुआ है।