इंफोसिस ने शनिवार को घोषणा की कि एक अज्ञात वैश्विक कंपनी के साथ उनका समझौता ज्ञापन (एमओयू) समाप्त कर दिया गया है। कंपनी की फाइलिंग के अनुसार संभावित सौदा करीब 1.5 अरब डॉलर का था। यह सौदा मौजूदा उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता समाधान विकसित करने पर केंद्रित था। जानकारों के अनुसार इंफोसिस और अनाम कंपनी के बीच सौदा 15 साल की प्रतिबद्धता के लिए था और सितंबर 2023 में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे।
क्या कहना है कंपनी का डील रद्द होने के बारे में कंपनी ने कहा कि ग्लोबल (अनाम) कंपनी ने अब समझौता ज्ञापन समाप्त करने का फैसला किया है और दोनों पक्ष मास्टर समझौते का पालन नहीं करेंगे। इस साल 14 सितंबर को हस्ताक्षरित एमओयू में कहा गया था कि इंफोसिस और वैश्विक कंपनी इंफोसिस प्लेटफॉर्म और एआई समाधानों का लाभ उठाते हुए आधुनिकीकरण और व्यवसाय संचालन सेवाओं के साथ-साथ उन्नत डिजिटल अनुभव प्रदान करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
सीएफओ नीलांजन रॉय का इस्तीफा पिछले दो सप्ताह में कंपनी को यह दूसरा बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नीलांजन रॉय ने अचानक पद से इस्तीफा दे दिया था। रॉय ने 12 दिसंबर को यह कहते हुए कंपनी से इस्तीफा दे दिया कि वह व्यक्तिगत आकांक्षाओं” को पूरा करने के लिए पद से हट रहे हैं। रॉय के इस्तीफे से कंपनी के शेयर की कीमतों पर बड़ा असर पड़ा। इसके 15 दिन बाद अब कंपनी को 12500 करोड़ रुपए (1.5 अरब डॉलर) की मैगा डील गंवानी पड़ी है।
इंफोसिस ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि सीएफओ के रूप में रॉय का अंतिम कार्य दिवस 31 मार्च 2024 को होगा। उसके बाद, रॉय की जगह इंफोसिस के वर्तमान कार्यकारी उपाध्यक्ष और डिप्टी सीएफओ जयेश संघराजका लेंगे।