scriptजीआइसैट-1 के प्रक्षेपण को लेकर रहस्य गहराया | ISRO mun on GISAT-1 launch | Patrika News
बैंगलोर

जीआइसैट-1 के प्रक्षेपण को लेकर रहस्य गहराया

नई लांच तारीख पर इसरो की चुप्पी बरकरार

बैंगलोरMar 17, 2020 / 11:26 am

Rajeev Mishra

जीआइसैट-1 के प्रक्षेपण को लेकर रहस्य गहराया

जीआइसैट-1 के प्रक्षेपण को लेकर रहस्य गहराया

बेंगलूरु.

अत्याधुनिक स्वदेशी भू-अवलोकन उपग्रह जीआइसैट-1 (जियो इमेजिंग सैटेलाइट-1) के प्रक्षेपण को लेकर रहस्य गहरा गया है। इस उपग्रह का प्रक्षेपण 5 मार्च शाम 5.43 बजे होना था लेकिन 4 मार्च को उलटी गिनती शुरू होने से लगभग 10 मिनट पहले ही प्रक्षेपण स्थगित कर दिया गया।
जिन परिस्थितियों में उपग्रह का प्रक्षेपण टाला गया उसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बयान जारी कर कहा था कि ‘जीएसएलवी एफ-10 से 5 मार्च 2020 को लांच होने वाले जीआइसैट-1 का प्रक्षेपण तकनीकी कारणों से स्थगित कर दिया गया है। लांच की नई तारीख तय होने के बाद उसकी सूचना दी जाएगी।Ó लेकिन, उसके बाद से क्या तकनीकी खराबी थी और इस उपग्रह का प्रक्षेपण कब होगा, इस पर इसरो ने कुछ भी नहीं कहा है। इसरो ने कहा था कि जल्द ही प्रक्षेपण की नई तारीख घोषित की जाएगी लेकिन, अभी तक इसरो अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
सूत्रों का कहना है कि उपग्रह का प्रक्षेपण प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के हस्तक्षेप के कारण हुआ। जीआइसैट-1 एक अत्यंत संवेदनशील उपग्रह है और संभवत: पीएमओ ने इस उपग्रह के साथ भेजे जा रहे पे-लोड (वैज्ञानिक उपकरणों) व सेंसर पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह भी कहा जा रहा है कि इसपर कुछ अतिरिक्त सेंसर या उपकरण लगाए जाने की भी बात हो रही है। हालांकि, अभी तक पूरा मिशन होल्ड पर है। वहीं, मीडिया में इस उपग्रह का प्रक्षेपण स्थगित किए जाने को लेकर कुछ अन्य चर्चाएं भी हैं।
दरअसल, जीआइसैट देश का पहला भू-अवलोकन उपग्रह है जिसे धरती की 36 हजार किमी वाली भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाना है। इस कक्षा से यह उपग्रह समूचे भारतीय उपमहाद्वीप पर 24 घंटे नजर रखेगा। अमूमन भू-अवलोकन उपग्रहों को धरती निचली कक्षा (लगभग 600 किमी वाली कक्षा) में ही स्थापित किया जाता है। इस उपग्रह के जरिए देश के किसी भी भू-भाग की तस्वीरें रियल टाइम में हासिल की जा सकेंगी। इस उपग्रह में एक दूरदर्शी भी है। इसरो का कहना है कि यह उपग्रह मौसम की भविष्यवाणी और प्राकृतिक आपदा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि ऑपरेशनल होने के बाद इससे देश की सीमाओं की भी निगरानी होगी।

Home / Bangalore / जीआइसैट-1 के प्रक्षेपण को लेकर रहस्य गहराया

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो