चंद्रयान-2 को लेकर उत्सुकता बढ़ी
हालांकि,पहली छमाही के दौरान हर किसी की निगाहें सबसे बड़े और महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 पर होगी। लगभग 3290 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण जीएसएलवी एफ-10 से करने की योजना है। इसे मार्च महीने तक छोड़े जाने की उम्मीद है। इस मिशन में एक आर्बिटर के अलावा लैंडर और रोवर भी भेजा जाएगा। आर्बिटर चांद की 100 किमी वाली कक्षा में परिक्रमा करेगा जबकि लैंडर चांद की धरती पर उतरेगा जिससे रोवर निकलकर चांद पर चहलकदमी करते हुए कई महत्वपूर्ण प्रयोगों को अंजाम देगा। इसरो अपने चार मिशनों के अलावा टीम इंडस के चंद्र मिशन को भी लांच करेगा। टीम इंडस को भी अपना मिशन भेजने के लिए समय सीमा मार्च है जिसे पीएसएलवी से लांच किया जाएगा।
हालांकि,पहली छमाही के दौरान हर किसी की निगाहें सबसे बड़े और महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 पर होगी। लगभग 3290 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण जीएसएलवी एफ-10 से करने की योजना है। इसे मार्च महीने तक छोड़े जाने की उम्मीद है। इस मिशन में एक आर्बिटर के अलावा लैंडर और रोवर भी भेजा जाएगा। आर्बिटर चांद की 100 किमी वाली कक्षा में परिक्रमा करेगा जबकि लैंडर चांद की धरती पर उतरेगा जिससे रोवर निकलकर चांद पर चहलकदमी करते हुए कई महत्वपूर्ण प्रयोगों को अंजाम देगा। इसरो अपने चार मिशनों के अलावा टीम इंडस के चंद्र मिशन को भी लांच करेगा। टीम इंडस को भी अपना मिशन भेजने के लिए समय सीमा मार्च है जिसे पीएसएलवी से लांच किया जाएगा।