यहां की शामें खुशनुमां, रातें गुलाबी और सुबहें पवित्रता के वातावरण में मंदिरों के घंटनाद व अजानों की आवाज के साथ शुरू होती हैं। यही वजह है कि बेंगलूरु 111 शहरों को पीछे छोड़ते हुए लोगों का पसंदीदा शहर बना।
बेंगलूरु में बसती है पूरे देश की आत्मा गार्डन सिटी, सिलिकॉन सिटी जैसे कई नामों से मशहूर बेंगलूरु में पूरे देश की आत्मा बसती है। स्थानीय लोगों के अलावा यहां बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोग भी रहते हैं। राजस्थान, गुजरात, यूपी-बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा से लेकर दक्षिणी राज्यों के लोग भी बेंगलूरु में बड़ी संख्या में रहते हैं। सिलिकॉन सिटी में आपकी प्रतिभा, शिक्षा-दीक्षा के अनुकूल रोजगार के लिए भी पर्याप्त अवसर और मनचाहे पैसे मिल जाते हैं। यही वजह है कि यह युवाओं की पहली पसंद है। चिकित्सा की दृष्टि से भी बेंगलूरु देश के अव्वल शहरों में शुमार है।
अब रहा सवाल, खान-पान का, तो आपको देश के हर हिस्से का स्वाद यहां मिल जाएगा। बंगाल के रसगुल्ले हों, मालाबारी इडलियां हों, या उडुपी का डोसा और सांबर, पंजाब की सब्जियां, दिल्ली के पराठे, राजस्थानी दाल-बाटी, गुजरात का खमण-ढोकला और यूपी के समोसे। यहां सब कुछ है। एक शहर में ढेर सारे शहर। बहुरंगी संस्कृति के अनूठे उदाहरण बेंगलूरु की खासियत यही है कि यह सबको अपना शहर होने का एहसास कराता है।
सर्वधर्म समन्वय की कन्नड़ संस्कृति सर्वधर्म समन्वय की कन्नड़ संस्कृति, सर्वे भवंतु सुखिन: की विराट दृष्टि यहां के कण-कण में रची-बसी है। जाहिर है, इससे ज्यादा सुरक्षित, सुखद और सुकूनदायक शहर और कहां। यहां काम है, दाम है और आराम भी। जीने को और क्या चाहिए।
मालूम हो कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से शहरों की आबोहवा, सफाई और व्यापार से लेकर हर नागरिक की जागरुकता के आधार यह रैंकिंग जारी की गई थी।
मालूम हो कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से शहरों की आबोहवा, सफाई और व्यापार से लेकर हर नागरिक की जागरुकता के आधार यह रैंकिंग जारी की गई थी।