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बैंगलोर

अंधश्रद्धा से बचना बहुत जरूरी

सुमति नाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के तत्वावधान में आचार्य विमल सागर सूरीश्वर ने प्रवचन देते हुए कहा कि अंधश्रद्धा मनुष्य को बरबाद कर देती है।

बैंगलोरJan 20, 2020 / 07:25 pm

Santosh kumar Pandey

अंधश्रद्धा से बचना बहुत जरूरी

अंधश्रद्धा से बचना बहुत जरूरी

मैसूरु. सुमति नाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के तत्वावधान में आचार्य विमल सागर सूरीश्वर ने प्रवचन देते हुए कहा कि अंधश्रद्धा मनुष्य को बरबाद कर देती है। इससे बचना अत्यंत आवश्यक है। दु:ख का विषय है कि बड़ी मात्रा में हिन्दू व जैन समाज अंधश्रद्धा की चपेट में आ गया है। वह छोटी-छोटी कामनाओं के लिए जाने-समझे बिना इधर-उधर भटक रहा है। वह अपने घर को भूल रहा है।
अपनी परंपराओं की जड़ों से टूट रहा है। बन्नूर रोड स्थित सुमति-बुद्धि प्रवचन वाटिका में करीब 3000 युवा श्रोताओं को संबोधित करते हुए जैनाचार्य ने कहा कि आज धर्मस्थानकों में जाने वाले भक्तों की संख्या कम और याचकों की संख्या ज्यादा है। सिर्फ कुछ न कुछ मांगने के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। गौर करने लायक बात है कि जहां लोभी होते हैं, वहां धूर्त कभी भूखे नहीं मरते।
जैनाचार्य ने सभी का आह्वान किया कि श्रद्धा के मामले में ईमानदार रहो, अपना ज़मीर मत बेच दो। राम, कृष्ण, महावीर की परंपरा में जो मिला है, उसमें संतुष्ट रहो। जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करेगा। यह विश्वास किसी भी हालत में टूटना नहीं चाहिए।

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