इस बीच जद-एस के कार्यकारी अध्यक्ष एमएस नारायण राव की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि पार्टी का कोई भी नेता, प्रवक्ता और विधायक टीवी डिबेट में हिस्सा नहीं लेगा और ना ही मीडिया में कोई बयान देगा। कहा गया है कि पार्टी की ओर से जो भी डिबेट में कहा जा रहा है या फिर मीडिया में बयान दिया जा रहा है उसे तोड़-मरोडक़र पेश किया जा रहा है। पार्टी से जुड़े लोगों को सख्त निर्देशित किया गया है कि अगर उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ अनुशासन की कार्रवाई की जाएगी।
लोक सभा चुनावों में पार्टी सुप्रीमो व पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी के हारने के बाद गठबंधन के भीतर मतभेद गहराए हैं। देवगौड़ा परिवार को राज्य में केवल एक सीट पर जीत मिली है। यह सीट हासन लोकसभा की है, जहां से एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवण्णा चुनाव लड़े थे। प्रज्वल को उस क्षेत्र से जीत मिली है, जहां से उनके पिता एचडी रेवण्णा भी विधायक हैं। एचडी रेवण्णा कुमारस्वामी कैबिनेट में लोक निर्माण मंत्री हैं।
तो सरकार बना सकती है नया कानून
इससे पहले चुनावों के तुरंत बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अपने राज्य में टेलीविजन मीडिया और पत्रकारों पर भडक़ गए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके नाम पर गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग की जा रही है। अपने गृह राज्य में एक सभा को संबोधित करते हुए एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि उनकी सरकार एक कानून बनाने पर विचार कर रही है ताकि गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग पर कुछ नियंत्रण किया जा सके।
कुमारस्वामी ने कहा था, ‘हर दिन, लोग विभिन्न समस्याएं लेकर मेरे पास आते हैं और मैं उनकी मदद करता हूं। मीडिया लोगों के संकट उजागर नहीं करना चाहता है। राज्य में गंभीर सूखे की स्थिति है, लेकिन इसके बजाय सनसनीखेज झूठी कहानियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि सरकार चुप रहेगी? सरकार एक कानून बनाने पर विचार कर रही है ताकि गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर कुछ नियंत्रण लगाया जा सके।