उन्होंने शनिवार को जसमा भवन रोड स्थित गुरुनानक भवन में प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों, जिला और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक के बाद कहा कि केंद्र में कांग्रेस की संप्रग सरकार बनाने के उद्देश्य से कांग्रेस ने सभी राज्यों में स्थानीय राजनीतिक दलों से समझौता किया है। हालांकि कई पार्टी पदाधिकारियों ने लोकसभा चुनाव अपने दम पर लडऩे का सुझाव दिया और जद-एस से समझौते का विरोध किया है। लेकिन पार्टी आलाकमान के फैसले का विरोध नहीं किया जासकता।
उन्होंने कहा कि जद-एस ने कोलार, चिकबल्लापुर, चामराज नगर, कलबुर्गी, बीदर, तुमकूर, दावणगेरे और अन्य प्रमुख लोकसभा की सीटें देने का प्रस्ताव रखा है। कोलार, चिकबल्लापुर, चामराज नगर, कलबुर्गी और तुमकूरु की लोकसभा सीटें कांग्रेस के पास हैं। इसलिए इन क्षेत्रों को देने का सवाल ही पैदा नही ंहोता। अन्य क्षेत्रों में कांग्रेस शक्तिशाली है। इस साल के अंत में लोकसभा चुनाव होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि बैठक में लोकसभा चुनाव लडऩे की रणनीति पर चर्चा की गई। ब्लॉक और बूथ स्तर पर युवकों, महिलाओं और छात्रों (वाइएलएस) नीति जारी करने का फैसला लिया है। जिसके तहत ब्लॉक और बूथ स्तर पर अधिक संख्या में युवकों, महिलाओं और छात्रों को पार्टी में शामिल कर उन्हें कांग्रेस की नीतियों, योजनाओं और केंद्र की विफलता के बारे में जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि निचले स्तर से कांग्रेस को फिर मजबूत किया जाएगा। बूथ और ब्लॉक स्तर से लेकर प्रदेश कांग्रेस में कोई र्भी मतभेद हैं तो उसे चार दीवारी केअंदर चर्चा कर समाधान तलाशा जाएगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव के करीब किसी भी नेता को मीडिया के सामने बयान नहीं देने की चेतावनी दी गई है। पार्टी के वर्तमान सांसदों को ही टिकट दिया जाएगा। अन्य क्षेत्रों में वहां के नेता, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से चर्चा की जाएगी। अगले माह से ही ब्लॉक स्तर पर पार्टी सम्मेलन किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव तक किसी भी विधायक या नेता को लिंगायत या वीरशैव के मुद्दे को नहीं उछालने के निर्देश दिए गए हैं। लोकसभा चुनाव किसी धर्म या जाति को लेकर नहीं लड़े जाएंगे। इसके अलावा स्थानीय निकायों के चुनाव में जनता दल एस से समझौता करना है या नही इसे बारे मे कोई फैसला नहीं हुआ। इसका फैसला आला कमान करेगा।