दरअसल, प्रदेश कांग्रेस की नजर पार्टी छोड़कर गए ‘अपनेÓ नेताओं पर है तो दूसरी पार्टियों के अंसतुष्ट नेताओं को जोडऩे पर भी है। पार्टी का नेतृत्व संभालने के बाद सक्रिय नजर आ रहे डीके शिवकुमार ने प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख अल्लम वीरभद्रप्पा की अध्यक्षता में एक 12 सदस्यीय समिति का गठन किया है जो यह तय करेगी कि उन नेताओं को पार्टी में शामिल होने की अनुमति दी जाए जो पहले कांग्रेस छोड़ चुके हैं और अब वापस आना चाहते हैं। वहीं, ऐसे नेताओं के बारे में भी फैसला करेगी जो पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। यह समिति प्रदेश कांग्रेस को एक रिपोर्ट सौपेंगी जिसके बाद पार्टी अगला कदम उठाएगी। शिवकुमार ने यहां शुक्रवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि पूर्व में कांग्रेस छोड़ चुके कई लोगों और अन्य दलों के नेताओं ने पार्टी की सदस्यता के लिए आवेदन भेजे थे। उनसे मुलाकात भी की थी। चूंकि, एकतरफा निर्णय करना उनके लिए उचित नहीं है इसलिए इस समिति का गठन किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष कांग्रेस के कई बड़े नेता लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी छोड़कर चले गए। वहीं, एक दर्जन से अधिक विधायकों के पाला बदलने से गठबंधन सरकार गिर गई और प्रदेश में भाजपा फिर से सत्तारूढ़ हो गई। बाद में सभी कांग्रेस-जद-एस के पाला बदलने वाले विधायक भाजपा में शामिल हुए और जीतकर अधिकांश मंत्री बन गए। सूत्रों के मुताबिक डीके शिवकुमार अब कांग्रेस को कैडर आधारित पार्टी बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा ‘अगर कोई पार्टी में शामिल होना चाहता है तो सबसे पहले उसे पार्टी की विचारधारा को स्वीकार करना होगा। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि पार्टी कैडर उन्हें स्वीकार करे। अगर पार्टी कैडर उन्हें स्वीकार नहीं करता है तो फिर उन्हें पार्टी में शामिल करने का कोई अर्थ नहीं है।’
डीके द्वारा गठित 12 सदस्यीय समिति में विधायक हसनबा, अजय कुमार सरनायक, अभय चंद्र जैन, सतीश सैल, प्रफुल्ल मधुकर, पूर्व सांसद आर.धु्रवनारायण और बीएन चंद्रप्पा, विधायक वी.मुनियप्पा, पूर्व मेयर संपतराज, महिला कांग्रेस नेता कृपा अल्वा और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव वाईवी घोरपड़े शामिल हैं।