अप्वाइंटमेंट भी रद्द
स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को घोषणा की सरकार ने राज्य में उपलब्ध सभी टीकों का उपयोग अभी दूसरी खुराक के लिए करने का निर्णय लिया है। इसमें केंंद्र सरकार से मिली खुराक के अलावा राज्य सरकार की ओर से टीका उत्पादक कंपनियों से खरीदी गई खुराक भी शामिल है। सरकार के इस निर्णय के कारण शुक्रवार से राज्य में 18-44 वर्ष के लोगों के टीकाकरण को अस्थाई तौर पर स्थगित कर दिया जाएगा और इसके लिए दिए गए सभी अप्वाइंटमेंट भी रद्द कर दिए जाएंगे। इससे पहले 7 मई को सरकार ने निर्णय किया था कि केंद्र सरकार की ओर से मिले सभी टीकों का उपयोग सिर्फ 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण और इस वर्ग के लोगों को दूसरी खुराक देने के लिए किया जाएगा।
राज्यों को अपने स्तर पर कंपनियों से सीधी खरीदारी करनी है
सरकार के इस फैसले से 1 मई से सांकेतिक तौर पर शुरु हुए 18-44 वर्ष के टीकाकरण अभियान में ठहराव आ गया था। हालांकि, खरीदे गए टीके की नई खेप मिलने के बाद सरकार ने 10 मई से पूरे राज्य में सीमित स्तर पर इस वर्ग के लिए टीकाकरण की शुरुआत की थी। लेकिन, अब हालात को देखते हुए सरकार ने फिलहाल सिर्फ अभी दूसरी खुराक के लिए उपलब्ध टीकों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यों को केंद्र मिली खेप का 70 प्रतिशत दूसरी खुराक के लिए उपयोग करने की सलाह दी थी। 45 साल से अधिक लोगों के लिए केंद्र सरकार राज्यों को मुफ्त टीके उपलब्ध करा रही है जबकि 45 से कम उम्र के लोगों के लिए राज्यों को अपने स्तर पर कंपनियों से सीधी खरीदारी करनी है।
निजी अस्पतालों में टीके की पहली और दूसरी खुराक जारी रहेगी
निजी अस्पतालों को अब सभी आयु वर्ग के लिए अपने स्तर पर कंपनियों से टीके खरीदने हैं। 30 अप्रेल तक सरकार निजी अस्पतालों को भी 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीके उपलब्ध करा रही थी। सरकार के नए फैसले के मुताबिक राज्य में सरकारी अस्पतालों और टीकाकरण केंद्रों पर शुक्रवार से सिर्फ टीके की दूसरी खुराक ही दी जाएगी। निजी अस्पतालों में टीके की पहली और दूसरी खुराक जारी रहेगी। राज्य में अगले 45 दिनों में करीब 7 लाख लोगों को दूसरी खुराक दी जानी है।
दूसरी खुराक लेने आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा
गौरतलब है कि बेंगलूरु के केसी जनरल सहित राज्य के कई अस्पतालों और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोवैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण दूसरी खुराक लेने आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। बेंगलूरु में रोजाना 4-50 हजार टीके की आपूर्ति होने के कारण टीकाकरण की रफ्तार काफी धीमी चल रही है। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के आयुक्त गौरव गुप्ता ने भी कहा कि शहरी निकाय के पास सिर्फ 40 हजार टीके उपलब्ध हैं। पिछले सप्ताह से टीके की कमी के कारण बेंगलूरु में रहने वाले कई लोग आसपास के जिलों के 80 से 100 किमी दूर केंद्रों पर भी अप्वाइंटमेंट ले रहे हैं, जहां टीके उपलब्ध हैं। सरकार के कई मंत्री से लोगों से ऐसा करने से बचने की अपील कर चुके हैं ताकि देहाती इलाकों के केंंद्रों पर बोझ ना बढ़े।
स्वास्थ्य विभगा के आंकड़ों के मुताबिक 1,08,82,080 लोगों को राज्य में अभी तक टीके की खुराक दी गई है। इसमें से 22,93,210 लोगों को ही दूसरी खुराक दी गई है, जो राज्य की 6.5 करोड़ की आबादी का करीब 3.5 प्रतिशत ही है। सरकार पहले ही 18-44 वर्ष के लोगों को सरकारी केंद्रों पर मुफ्त टीके लगाने की घोषणा कर चुकी है।