कांग्रेस के लिए दक्षिण से निकल सकती है उत्तर की राह
बैंगलोरPublished: Apr 05, 2023 06:15:36 pm
जीत मिली तो मुख्य विपक्षी दल के तौर पर मजबूत होगी साख
लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की अग्निपरीक्षा


कांग्रेस के लिए दक्षिण से निकल सकती है उत्तर की राह
बेंगलूरु.
पूर्वोत्तर में मिली हार के बाद कांग्रेस के लिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव संजीवनी साबित हो सकता हैै। लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के पास मुख्य विपक्षी दल के तौर पर अपनी साख मजबूत करने का एक यह एक अच्छा अवसर भी है।
अगर चुनाव में कांग्रेस के माथे जीत का सेहरा बंंधता है, तो इसी साल के अंत में हिंदी हार्टलैंड में होने वाले चुनावों के लिए वह भाजपा के खिलाफ अपने अभियान को गति दे सकती है। कर्नाटक की जीत राजस्थान, मध्यप्र्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला साबित होगी।
इस चुनाव में कांग्रेस के भविष्य के साथ उसकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.मल्लिकार्जुन खरगे राज्य से हैं। वे दलित समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं और दलित मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं। राज्य विधानसभा चुनावों में जीत से पार्टी में खरगे की स्थिति और मजबूत होगी। कांग्रेस की अंदरुनी कलह को देखते हुए पार्टी आलाकमान का मजबूत होना जरूरी है और अपने गृह राज्य में पार्टी की जीत सुनिश्चित कर खरगे अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी फिर एक बार स्थानीय नेतृत्व को ही आगे रखकर चुनाव लड़ रही है। जहां भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 7 चुनावी दौरे हो चुके हैं वहीं, अमित शाह और जेपी नड्डा भी कई बार आ चुके हैं। लेकिन, भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी ने अभी तक सिर्फ एक दौरा किया है। पार्टी सिद्धरामय्या और डीके शिवकुमार को ही आगे कर चुनाव लड़ रही है और स्थानीय मुद्दों को ही उठा रही है। कांग्रेस ने अभी तक 40 फीसदी कमीशन सरकार, पे-सीएम, आरक्षण आदि को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोला है। पार्टी अभी तक भाजपा को दबाव में रखने में कायमाब नजर आती है।