यहां शुक्रवार को उन्होंने कहा कि जनलेखा समिति की रिपोर्ट में कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या तथा सरकारी दावे में जमीन आसमान का फर्क है। राज्य में अभी तक 22 हजार मृतकों को ही कोरोना महामारी के कारण मौत होने का प्रमाणपत्र जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास कोरोना महामारी के संक्रमण से पहली तथा दूसरी लहर में मृतकों की संख्या की सही जानकारी तक नहीं है। इस महामारी को नियंत्रित करने में राज्य सरकार विफल रही है। अब मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए का मुआवजा देकर राज्य सरकार इस महामारी से हुई मौतों पर भी राजनीति कर रही है।
सीवी रमन सरकारी अस्पताल फिर बना कोविड अस्पताल
बेंगलूरु. राज्य में कोविड के बढ़ते मामले देखते हुए सरकार ने शहर इंदिरानगर स्थित सीवी रमन सरकारी अस्पताल को फिर से कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त डी. रणदीप ने शुक्रवार को जारी आधिसूचना में कहा कि गत वर्ष भी इस अस्पताल को केवल कोविड मरीजों के उपचार के लिए चिन्हित किया गया था। बाद में मामले घटने पर अस्पताल को गैर-कोविड मरीजों के उपचार के लिए भी फिर से खोल दिया गया था। बीते कुछ दिनों से प्रदेश व विशेषकर बेंगलूरु शहरी जिले में कोविड के दैनिक मामलों में उछाल आया है। इसलिए सीवी रमन सरकारी अस्पताल में अब केवल कोविड मरीजों का उपचार होगा।