बोम्मई ने शुक्रवार को विधानसौधा में कहा कि ये संगठन मैसूरु, बेंगलूरु तथा मेंगलूरु में अनेक आतंकी व हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं जो चिंता का विषय है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सिद्धरामय्या की सरकार ने एसडीपीआई के सदस्यों के खिलाफ दायर आपराधिक प्रकरणों को वापस ले लिया, जिसकी वजह से इसके हौसले और बुलंद हुए हैं। एसडीपीआई के सदस्यों ने विधायक तनवीर सेत के अलावा हमारी पार्टी के अग्रिम संगठनों के कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले किए और ये संगठन दंगों के दौरान भी हिंसा में लिप्त रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जांच व पूछताछ के दौरान इन संगठनों का अलग अलग उग्रवादी संगठनों के साथ संपर्क होने का पता चला है। अनेक नाम बदलकर अब पीएफआई व एसडीपीआई जैसे संगठन पैदा हुए हैं और इनके खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है।सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और इनकी तमाम गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
उन्हेांने कहा कि बोम्मई ने कहा कि पुलिस को इन दोनों संगठनों की गतिविधियों, उनके संपर्क तथा इन संगठनों के खिलाफ दायर प्रकरणों के संबंध में तमाम जानकारी एकत्रित करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि विवरण एकत्रित हो जाने के बाद इस मसले पर कानून विभाग के साथ चर्चा करके नि संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और इस बारे में केन्द्र सरकार को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
एसडीपीआई, पीएफआई पर प्रतिबंध लगे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बी. श्रीरामुलु ने कहा कि दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्या आदि प्रकरणों में आरोपी व हमलों के प्रकरणों में एसडीपीआई व पीएफआई जैसे संगठनों के सदस्यों का नाम आ चुका है। इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इस संबंध में वे जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से भेंट कर केन्द्र सरकार से सिफारिश करने का अनुरोध करेंगे।