ढील के बाद लोग और विशेषकर श्रमिकों को उम्मीद थी कि अब वे बिना किसी रोक-टोक के एक से दूसरे राज्य के बीच सफर कर सकेंगे। रोजी-रोटी कमा सकेंगे लेकिन दोनों राज्यों ने इसकी इजाजत नहीं दी है। केरल के सीमावर्ती इलाकों से सैकड़ों लोग काम की तलाश में मेंगलूरु पहुंचते हैं। इसी तरह मेंगलूरु सीमा से सटे गांव के लोग भी काम के लिए कासरगोड जिला पहुंचते हैं। दोनों राज्यों की सीमा के आसपास के गांव के श्रमिक तकरीबन हर सुबह चोक पोस्ट पर जमा होते हैं। लेकिन अधिकारियों द्वारा अनुमति नहीं मिलने के बाद लौट जाते हैं।
दक्षिण कन्नड़ जिले की उपायुक्त सिंधु बी. रूपेश ने बताया कि सेवा सिंधु वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले लोगों को ही महज एक बार कर्नाटक में प्रवेश की इजाजत दी जा रही है। प्रवेश के बाद लोगों के लिए दो सप्ताह का क्वारंटाइन अनिवार्य है।