स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त रणदीप डी. ने गुरुवार को जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा कि सामुदायिक टेस्टिंग में कोविड के लक्षण वालों, कोविड पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में रहे उच्च जोखिम वालों (60 वर्ष की आयु से ज्यादा के लोग या किसी बीमारी से जूझ रहे), अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वालों और देश के हवाई अड्डों, बंदरगाहों आदि पर उतने वालों को जरूरत और दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड के लिए जांचा जा सकता है।
टेस्टिंग के अभाव में नहीं हो देरी
उन्होंने अस्पतालों के संबंध में कहा कि टेस्टिंग के अभाव में प्रसव सहित किसी भी सर्जरी में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए। टेस्टिंग सुविधाएं नहीं होने पर मरीजों को रेफर नहीं किया जाए। मौजूदा अस्पताल में ही टेस्टिंग की व्यवस्था की जाए। अस्पताल में भर्ती मरीजों को सप्ताह में एक से ज्यादा बार कोविड जांच की जरूरत नहीं है।
प्रसव के लिए भर्ती असिंप्टोमेटिक गर्भवती महिलाओं या जिन असिंप्टोमेटिक मरीजों की सर्जरी होनी हैं, उनमें कोविड के लक्षण सामने आने पर ही कोविड के लिए जांचा जाए।
स्वास्थ्य आयुक्त ने कहा कि सामुदायिक सेटिंग में असिंप्टोमेटिक लोगों, पॉजिटिव मरीजों के संपर्कों (जब तक उच्च जोखिम नहीं हो), होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल के अनुसार डिस्चार्ज होने वालों को कोविड के लिए जांचे जाने की आवश्यकता नहीं है। घरेलू यात्रियों को भी तब तक जांच की जरूरत नहीं है जब तक गंतव्य राज्य सरकार ने इसे अनिवार्य नहीं किया हो।