इसके स्मारक के ढांचे का स्केच कुछ हफ्तों में तैयार हो जाएगा। ढांचा तैयार होने के बाद शहीदों के परिजनों को श्रद्धांजलि देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग स्वास्थ्यकर्मियों के शहीद दिवस को मनाने के लिए तिथि तय करेगा।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर गुरुवार को एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा कि सरकार आरोग्य सौधा परिसर में उन स्वास्थ्यकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक स्मारक का निर्माण करेगी जिन्होंने कोविड मरीजों की जान बचाने के क्रम में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उनका मानना है कि देश में यह अपने तरह का पहला स्मारक होगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी महामरी के कारण देश भर में करीब 800 चिकित्सक सेवा के दौरान जान गंवा चुके हैं। कई बच्चों ने अपने चिकित्सक माता या पिता को खो दिया।
सुधाकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिकित्सकों को कोविड बॉरियर्स बताया था। लड़ाई के दौरान जांव गंवाने वाले सैनिकों को ही शहीद का दर्जा मिलता है। लेकिन, वे घोषणा करते हैं कि कोविड के कारण मरने वाले चिकित्सक और पैरामेडिक्स भी शहीद हैं सरकार उनके लिए एक स्मारक बनाएगी।
मंत्री ने चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत डॉ. बिधान चंद्र रॉय (Dr. Bidhan Chandra Roy) को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. रॉय की स्मृति में उनका जन्मदिन पूरे भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पांच से सात साल तक की सजा का प्रावधान
चिकित्सक अंतिम सांस तक मरीजों की जान बचाने की कोशिश करते हैं। कोई उन्हें मरने नहीं देता। लोगों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। बकाएदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह दंडनीय अपराध है। पांच से सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
स्टाइपेंड बढ़ाने पर विचार
डॉ. सुधाकर ने कहा कि सभी चिकित्सक भारतीय चिकित्सा संघ में अपना पंजीकरण कराएं। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वालों को अधिक वृत्तिका (स्टाइपेंड) देने पर विचार कर रही है। कई वर्ष से स्टाइपेंड की समस्या रही है। सरकार ने स्टाइपेंड में 30-40 फीसदी की वृद्धि की है।
राजनीतिकरण नहीं करने की अपील
कांग्रेस व अन्य विरोधी पार्टियों से टीके का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील करते हुए डॉ. सुधाकर ने कहा कि टीके की कमी होती तो 2.25 करोड़ लोगों का टीकाकरण संभव नहीं होता। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कोविशील्ड की नौ लाख खुराक की आपूर्ति की है। ऑफलाइन कक्षाओं के लिए कॉलेज जल्द से जल्द खुले, इसके लिए उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जा रही है। वे सोमवार को दिल्ली दौरे के दौरान केंद्र सरकार से अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराने के मामले पर चर्चा करेंगे।