उन्होंने कहा कि पहले ही लघु उद्यमी कई विषम स्थितियों के साथ संघर्ष कर रहे हं। अब इस लॉकडाउन ने परेशानियां और बढ़ा दी हैं। राज्य की करीब 20 फीसदी औद्योगिक इकाइयां इससे पहले हुए लॉकडाउन के कारण बंद हो चुकी हैं। फिर से लॉकाडाउन के कारण यह संख्या और बढऩे की आशंका है।
उन्होंने कहा कि राज्य के 25 लाख से अधिक लघु उद्यमियों ने इस क्षेत्र में लगभग 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस क्षेत्र से हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। इस क्षेत्र का कारोबार ठप होने के परिणामों की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। लघु उद्योग ठप होने से मांग तथा आपूर्ति के बीच की चेन टूट जाएगी। राज्य की 70 फीसदी लघु उद्यम इकाइयां बेंगलूरु शहर में हैं।
सरकार को लॉकडाउन के बीच लघु उद्योगों को दिशा-निर्देशों का पालन करने की शर्त के साथ कारोबार की अनुमति देनी चाहिए। इस क्षेत्र में कारोबार ठप होना राज्य सरकार, लघु उद्यमी तथा मजदूर सभी के लिए नुकसानदायी है। इससे पहले हुए लॉकडाउन से राज्य में करीब 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कासिया चाहता है कि सरकार लघु उद्योगों की मदद के लिए उन्हें लॉकडाउन से छूट प्रदान करे।