अगस्त तक हर रविवार को मस्तकाभिषेक
श्रवणबेलगोला जैन मठ ने घोषणा की है कि भगवान बाहुबली की प्रतिमा का मस्तकाभिषेक अगले छह माह (अगस्त) तक होंंगे। मगर यह अनुष्ठान सिर्फ रविवार को होंगे। अहिंसा, त्याग, संयम बिना सफलता संभव नहीं
आचार्य वर्धमानसागर ने कहा कि त्याग, अहिंसा, संयम के बगैर कोई भी सफलता संभव नहीं है। ये सिद्धांत हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं। श्रवणबेलगोला मठ के प्रमुख चारुकीर्ति भट्टारक ने कहा कि आयोजन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में केंद्र तथा राज्य सरकार का सहयोग मिला है, दोनों सरकारें साधुवाद की पात्र हैं। राज्य सरकार, जिला प्रभारी मंत्री ए मंजु, जिला प्रशासन और मठ के प्रतिनिधियों ने अभूतपूर्व सहयोग किया है। समारोह में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, राज्यसभा सदस्य अजय संचेती, विधायक सी.एन. बालकृष्ण, महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति की कार्यकारी अध्यक्ष सरिता जैन, कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र कुमार उपस्थित थे।
बाहुबली का संदेश दुनिया के लिए आज अधिक प्रासंगिक : राजनाथ सिंह
यहां के चावुंडराया सभागार में आयोजित समारोह में भाग लेते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बाहुबली ने विश्व को त्याग, शांति, अहिंसा तथा संयम का संदेश दिया है। बाहुबली का यह कालजयी संदेश आज पूरे विश्व के लिए अधिक प्रासंगिक हो गया है। उन्होंने कहा कि सदियों पुराने जैन धर्म के कई मूलभूत सिद्धांतों को अब वैज्ञानिक मान्यता मिल रही है। यह सिद्धांत अब विज्ञान की कसौटी पर भी खरे उतरे हैं। जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में सैकड़ों मुनिवृंदों का योगदान है। चंद्रगुप्त मौर्य जैसे सम्राट ने भी श्रवणबेलगोला में आकर तपस्या की थी। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में जारी हिंसा के दौर से छुटकारा पाने के लिए जैन धर्म की विचारधारा एकमात्र उपाय है। एक-दूसरे पर आधिपत्य स्थापित करने का दौर चल रहा है। ऐसे समय में भला कौन सी विचारधारा है जो सारी चीजों से निजात दिला सकती है। मैं कहंूगा कि जैन धर्म की विचारधारा ही ऐसी ताकत है, जो हिंसा से मुक्ति का साधन बन सकती है। गृहमंत्री ने कहा कि वे चाहते हंै कि बाहुबली की विशालकाय प्रतिमा का दर्शन करने का अवसर मिले, इसलिए वे शीघ्र ही इस क्षेत्र का दौरा करेंगे।
यहां के चावुंडराया सभागार में आयोजित समारोह में भाग लेते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बाहुबली ने विश्व को त्याग, शांति, अहिंसा तथा संयम का संदेश दिया है। बाहुबली का यह कालजयी संदेश आज पूरे विश्व के लिए अधिक प्रासंगिक हो गया है। उन्होंने कहा कि सदियों पुराने जैन धर्म के कई मूलभूत सिद्धांतों को अब वैज्ञानिक मान्यता मिल रही है। यह सिद्धांत अब विज्ञान की कसौटी पर भी खरे उतरे हैं। जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में सैकड़ों मुनिवृंदों का योगदान है। चंद्रगुप्त मौर्य जैसे सम्राट ने भी श्रवणबेलगोला में आकर तपस्या की थी। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में जारी हिंसा के दौर से छुटकारा पाने के लिए जैन धर्म की विचारधारा एकमात्र उपाय है। एक-दूसरे पर आधिपत्य स्थापित करने का दौर चल रहा है। ऐसे समय में भला कौन सी विचारधारा है जो सारी चीजों से निजात दिला सकती है। मैं कहंूगा कि जैन धर्म की विचारधारा ही ऐसी ताकत है, जो हिंसा से मुक्ति का साधन बन सकती है। गृहमंत्री ने कहा कि वे चाहते हंै कि बाहुबली की विशालकाय प्रतिमा का दर्शन करने का अवसर मिले, इसलिए वे शीघ्र ही इस क्षेत्र का दौरा करेंगे।
ताजमहल की तर्ज पर हो श्रवणबेलगोला का विकास
श्रवणबेलगोला जैन मठ के प्रमुख चारुकीर्ति भट्टारक ने रजत कलश भेंट कर राजनाथ सिंह का सम्मान किया। चारुकीर्ति ने केंद्र सरकार से मांग की कि आगरा के ताजमहल की तर्ज पर श्रीक्षेत्र श्रवणबेलगोला का भी विकास किया जाए। महामस्तकाभिषेक आयोजन समिति ने भी इस संबंधी एक मांग पत्र सौंपा। आचार्य वर्धमान सागर ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि श्रवणबेलगोला को ‘अहिंसा क्षेत्रÓ घोषित किया जाए। इस पर राजनाथ ने कहा कि ऐसा करना हमारे मंत्रालय के दायरे में नहीं आता है।
श्रवणबेलगोला जैन मठ के प्रमुख चारुकीर्ति भट्टारक ने रजत कलश भेंट कर राजनाथ सिंह का सम्मान किया। चारुकीर्ति ने केंद्र सरकार से मांग की कि आगरा के ताजमहल की तर्ज पर श्रीक्षेत्र श्रवणबेलगोला का भी विकास किया जाए। महामस्तकाभिषेक आयोजन समिति ने भी इस संबंधी एक मांग पत्र सौंपा। आचार्य वर्धमान सागर ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि श्रवणबेलगोला को ‘अहिंसा क्षेत्रÓ घोषित किया जाए। इस पर राजनाथ ने कहा कि ऐसा करना हमारे मंत्रालय के दायरे में नहीं आता है।