scriptखुद पर विश्वास हो तो खुलते हैं रास्ते: देवेंद्रसागर | khud par vishvaas ho to khulate hain raaste: devendrasaagar | Patrika News
बैंगलोर

खुद पर विश्वास हो तो खुलते हैं रास्ते: देवेंद्रसागर

राजाजीनगर में प्रवचन

बैंगलोरSep 26, 2020 / 02:50 pm

Santosh kumar Pandey

devendra.jpg
बेंगलूरु. राजाजीनगर जैन संघ में आचार्य देवेंद्रसागर ने प्रवचन में कहा कि विश्वास उन शक्तियों में से एक है जो मनुष्य को जीवित रखती है, विश्वास का पूर्ण अभाव ही जीवन का अवसान है।

आज संकट एवं आशंकाओं के रेगिस्तान में आदमी तड़प रहा है। संकल्प एवं संयम एक ऐसी निर्मल गंगा है, जो तड़पते हुए आदमी के संकट पर शीतल बूंदे डालकर उसकी तड़प-शंकाओं को मिटा सकता है और उसकी मुर्छा को तोड़ सकता है। मनुष्य जीवन में गैर-जिम्मेदारी एवं लापरवाही की इतनी बड़ी-बड़ी चट्टानें पड़ी हुई हैं, जो मनुष्य-मनुष्य के बीच व्यवधान पैदा कर रही हैं। संकल्प, संयम एवं समर्पण के हाथ इतने मजबूत हैं कि उन चट्टानों को हटाकर आदमी को आदमी से मिला सकता है, जीवन की संभावनाओं को पंख लगा सकता है। इसके लिये जरूरी है कि आदमी को खुद पर विश्वास जागे।
आचार्य ने कहा कि मनुष्य उसी काम को ठीक तरह से कर सकता है, उसी में सफलता प्राप्त कर सकता है जिसकी सिद्धि में उसका सच्चा विश्वास है। मनुष्य के जीवन को सही रास्ते पर चलाने के लिए कुछ माइल स्टोन हैं- आत्मविश्वास, संकल्प, संयम, समर्पण, समता और सहिष्णुता। संभवत: इन्हीं मूल्यों की सुरक्षा के लिए मनुष्य ने उन्नत जीवन की कामना की थी।
इसी उन्नत जीवन के खुले आसमान के नीचे ही एक स्वस्थ एवं सुरक्षित व्यक्ति का जीवन संभव है। अभिप्राय में उदारता, कार्यसंपादन में मानवता, सफलता में संयम- इन्हीं तीन चिन्हों से महान व्यक्ति जाना जाता है। इसी से जीवन में सफलता का वरण करना संभव है।

Home / Bangalore / खुद पर विश्वास हो तो खुलते हैं रास्ते: देवेंद्रसागर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो