कित्तूर रानी चेनम्मा चिडिय़ाघर बाघ सफारी (Tiger Safari) शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए 20 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है।
उप वन संरक्षक एम. वी. अमरनाथ ने बताया कि 8 से 10 दिन में बाघों के पहुंचने की उम्मीद है। बाघ सफारी को लेकर चिडिय़ाघर प्रबंधन, कर्मचारी और आगुंतक बेहद उत्साहित हैं।
बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (बीबीपी) की कार्यकारी निदेशक वनश्री विपिन सिंह ने बताया कि दो में से एक बाघ बीबीपी भेजेगा।
रेंज वन अधिकारी प्रकाश ने बताया कि सफारी के अंदर ही बाघों के लिए भोजन घर बनाया गया है। सुरक्षा को लेकर चिडिय़ाघर प्रबंधन बेहद सख्त है। किसी को भी बस से उतरने, बस से हाथ बाहर निकालने या बाघों को देखकर चिल्लाने की अनुमति नहीं होगी।
चिडिय़ाघर प्रबंधन के अनुसार मार्च के अंत तक तेंदुआ (Leopard), लकड़बग्घा और सियार सहित कई अन्य वन्यजीव अन्य चिडिय़ाघरों से यहां पहुंचेंगे। बाड़ों के निर्माण, बाघ सफारी और अन्य सुविधाओं पर करीब 50 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।