बच्चों में संस्कार के लिए जैन धर्म का ज्ञान जरूरी-डॉ कुमुदलता
बेंगलूरु. कनकपुरा स्थित जैन इंटरनेशनल रेजीडेंसियल स्कूल में अनुष्ठान आराधिका साध्वी डॉ. कुमुदलता के सान्निध्य में गुरुवार को जैन समूह संस्थान के अध्यक्ष चैनराज छाजेड़ के नेतृत्व में जैन स्कूल के विद्यार्थियों के लिए महामंगलकारी मां सरस्वती अनुष्ठान आयोजन किया गया। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित विशिष्ट एवं महामंगलकारी अनुष्ठान में भारी संख्या में बच्चों एवं श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर स्कूल के सैकड़ों विद्यार्थियों ने साध्वीवृंद के दर्शन व प्रवचन का लाभ लिया। साध्वी कुमुदलता ने जीवन में शिक्षक की महत्ता को बताते हुए कहा कि एक शिक्षक के त्याग, मेहनत, समर्पण, लगन का छात्र के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। गुरु के मार्गदर्शन पर छात्र अपनी जिंदगी की लड़ाई को तय करता है एवं उसको हासिल करने की बुलंदी तक प्रयास करने की यात्रा का मार्गदर्शन शिक्षक ही देता है। इंसान के जीवन का लक्ष्य और उस लक्ष्य के मार्ग पर चलना गुरु ही सिखाता है। उन्होंने बताया कि यहां के जैन समूह संस्थान के विद्यार्थी जैन संस्कार अपने जीवन में आप्लावित कर रहे हैं। वर्तमान में जैन समाज के श्रद्धालुओं को अपने बच्चों को जैन धर्म का ज्ञान देना अति आवश्यक है, ताकि वे संस्कारवान बन सकें। अत्यंत खुशी की बात है कि यहां बच्चों को जैन धर्म की शिक्षा के साथ अनुशासन भी सिखाया जा रहा है। साध्वी कुमुदलता ने जैन समूह संस्थान के अध्यक्ष चैनराज छाजेड़ की अनुमोदना करते हुए साधुवाद दिया। साध्वी महाप्रज्ञा ने भजन की प्रस्तुति दी। नेमीचंद दलाल ने बताया कि इस अवसर पर वर्षावास समिति के ज्ञानराज मूथा, महेंद्र टोडरवाल व अनेक सदस्य एवं स्कूल के अध्यापक उपस्थित थे।
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