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बैंगलोर

जीएसएलवी मार्क-3 से जीसैट-29 का प्रक्षेपण 10 नवम्बर को !

इसरो: इंटरनेट सेवाओं को मिलेगी गति, संचालित होंगे वीआरसी
अत्याधुनिक भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 की दूसरी उड़ान

बैंगलोरOct 13, 2018 / 08:00 pm

Ram Naresh Gautam

GSLV

जीएसएलवी मार्क-3 से जीसैट-29 का प्रक्षेपण 10 नवम्बर को !

बेंगलूरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-29 का प्रक्षेपण अब अगले माह करेगा। यह उपग्रह उन चार उपग्रहों की श्रृंखला में से एक है जिनके ऑपरेशनल होने के बाद देश की इंटरनेट सेवाओं की रफ्तार 100 जीबीपीएस तक पहुंच जाने का दावा इसरो ने किया है।
इस अत्याधुनिक संचार उपग्रह का प्रक्षेपण इसरो अपने सबसे भारी और अत्याधुनिक रॉकेट- तीसरी पीढ़ी के भू-स्थैतिक प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी मार्क-3) से करेगा। इसके लिए श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड पर तैयारियां चल रही हैं। इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक तैयारियां 10 नवम्बर को प्रक्षेपण के लक्ष्य के साथ की जा रही है। पहले इसरो ने इसी महीने के अंत तक इस उपग्रह को लांच करने की बात कही थी।
दरअसल, चार उपग्रहों की श्रृंखला के ऑपरेशनल होने के बाद देश की इंटरनेट सेवाओं को एक नया आयाम मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों तक तीव्र इंटरनेट सेवाएं मिलने लगेंगी और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा। इन चार उपग्रहों में से एक जीसैट-19 का प्रक्षेपण 5 जून 2017 को किया जा चुका है। इस श्रृंखला के अन्य उपग्रह हैं-जीसैट-29, जीसैट-11 और जीसैट-20 जिनमें से जीसैट-29 का प्रक्षेपण 10 नवम्बर को किया जाएगा। इसके बाद इस श्रृंखला के तीसरे उपग्रह जीसैट-11 का प्रक्षेपण दिसम्बर में फ्रेंच गुएना स्थित कौरू प्रक्षेपण स्थल से किया जाएगा। जीसैट-20 अगले वर्ष मई तक लांच करने की योजना है।
इसरो अध्यक्ष के. शिवन के अनुसार इन उपग्रहों के ऑपरेशनल होने से देश को हाई-स्पीड बैंडविथ कनेक्टिविटी मिलेगी जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी। जीसैट-29 को ‘1-3 के बस’ संरचना में तैयार किया गया है। इसमें ‘केएÓ और ‘केयूÓ मल्टी-बीम और ऑप्टिकल संचार पे-लोड हैं जो किसी उपग्रह में पहली बार लगाए गए हैं।
इस उपग्रह से ग्रामीण क्षेत्रों में विलेज रिसोर्स सेंटर (वीआरसी) संचालित होंगे जिससे देश में डिजिटल गैप कम होगा। वहीं जीएसएलवी मार्क-3 का यह दूसरा मिशन होगा। इससे पहले जीएसएलवी मार्क-3 का पहला प्रक्षेपण 5 जून 2017 को किया गया और उससे हाई-स्पीड बैंडविथ वाले चार उपग्रहों की शृंखला का पहला उपग्रह जीसैट-19 छोड़ा गया था। यह अत्याधुनिक भारी रॉकेट 4 टन (4 हजार किलोग्राम) वजनी उपग्रहों को भू-स्थैतिक अंतरण कक्षा (जीटीओ) में स्थापित करने की क्षमता रखता है।
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