scriptएलसीएच को आईओसी 6 माह से पहले नहीं | LCH than 6 months before the IOC | Patrika News
बैंगलोर

एलसीएच को आईओसी 6 माह से पहले नहीं

स्वदेशी तकनीक से निर्मित
हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को कई अहम परीक्षणों में कामयाब होने के बावजूद
प्रारंभिक परिचालन

बैंगलोरSep 07, 2015 / 10:57 pm

शंकर शर्मा

Light Combat helicopters

Light Combat helicopters

बेंगलूरू। स्वदेशी तकनीक से निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को कई अहम परीक्षणों में कामयाब होने के बावजूद प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (आईओसी) मिलने में अभी कम से कम छह महीने का वक्त लग सकता है। एलसीएच को इसी महीने आईओसी मिलने की उम्मीद थी लेकिन अब अगले मार्च से पहले ऎसा होने की संभावना नहीं है।

एलसीएच का विकास करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की वैमानिकी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसी साल के अंत तक एलसीएच के लिए आईओसी प्राप्त करने की कोशिश की जा रही थी। उस हिसाब से तैयारियां और परीक्षण भी चल रहा था मगर इसकी संभावना काफी कम नजर आ रही है।

एचएएल अधिकारी ने कहा कि एलसीएच अपने आधारभूत विन्यास में रॉकेट लॉन्चर्स, टर्रेट गन, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ “परफार्मेस” और “हैंडलिंग क्वालिटी” प्रमाणित कर चुका है। हेलीकॉप्टर प्रणाली की कार्यक्षमता का मूल्यांकन भी किया जा चुका है और वह संतोषप्रद रहा है। मगर आईओसी से पहले अभी कई और कड़े परिचालन मानदंडों पर उसे परखा जाना है। एलसीएच के अभी कई और अहम परीक्षण बाकी है। उन्होंने बताया कि शेष परीक्षणों का कार्य प्रगति पर है मगर प्रारंभिक परिचालन मंजूरी मिलने में समय लगेगा।

एलसीएच को आईओसी मिलना रक्षा उपकरणों के स्वदेशीकरण के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। एचएएल अध्यक्ष टी. सुवर्ण राजू के अनुसार भारतीय सेना एलसीएच की मुख्य उपभोक्ता है और वह अब तक की प्रगति से काफी संतुष्ट है। गर्म और सर्द मौसम में परखे जाने के अलावा एलसीएच ने सियाचिन में दुर्गम अग्रिम हवाई पट्टी पर उतरने की क्षमता भी साबित कर दी है। प्रारंभिक परिचालन मंजूरी हासिल करने के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है,लेकिन इसके बावजूद पर्याप्त नहीं है।

प्रारंभिक परिचालन मंजूरी मिलने के बाद ही एलसीएच वायुसेना को मिलेगा ताकि वे इसे अपने स्तर पर परख सकें। वायुसेना के संतुष्ट होने के बाद ही अंतिम परिचालन मंजूरी का रास्ता साफ होगा। अगर कोई खामी रही तो उसे एचएएल को दूर करना पड़ेगा।

अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) के बाद ही हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर वायुसेना के बेड़े में शामिल हो सकेगा। सेना को कुल 179 एलसीएच की आवश्यकता है।
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