प्रेम की शुरुआत पहले घर से हो
किसी के भी जीवन में न आने पाए विकृति : रवीद्र मुनि
Love is the beginning of the house
बेंगलूरु. गोडवाड़ भवन में वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ चिकपेट शाखा के तत्वावधान में अध्यात्मिक चातुर्मास के समापन पर आयोजित दो दिवसीय कृतज्ञता समारोह गुरुवार को संपन्न हुआ। इस अवसर पर रविंद्र मुनि ने अपने उद्बोधन में दो पंक्तियों के माध्यम से कहा बहता पानी निर्मला पड़ा गदिला होय, साधु संत रमता भला दाग न लागे कोई। मुनि ने कहा वैदिक, बौद्ध और जैन परंपरा में चातुर्मास का महत्व है। मुनि वृंद के लिए विहार चर्या के प्रिय होने की जानकारी देते हुए रवीन्द्रमुनि ने कहा चातुर्मास विधान, विज्ञान व सोच से जुड़ा हुआ होता है। चातुर्मास काल को चतुर्विध संघ वरदान बना देता है। चातुर्मास संपन्न होते ही साधु विहार कर देते हैं। मुनि ने कहा किसी के भी जीवन में विकृति नहीं आनी चाहिए। चिकपेट शाखा के महामंत्री गौतमचंद धारीवाल को समाज भूषण से अलंकृत किया गया। रविंद्र मुनि ने अपना साधुवाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया। इससे पूर्व रमणीक मुनि ने कहा कि आज गोडवाड़ भवन में आध्यात्मिक चातुर्मास 2018 के आखिरी प्रवचन हंैै। मुनि ने कहा इस धार्मिक यात्रा के आखिरी पड़ाव में मेरी भावना रचना की भावना भी महत्वपूर्ण है। प्रेम को मोह में नहीं बदलने की सीख देते हुए मुनि ने कहा कि आत्मा से प्रेम करना चाहिए। मुनि ने कहा कि प्रेम का प्रारंभ सबसे पहले घर से ही होना चाहिए, वह देश तक जाएगा। गौतमचंद धारीवाल ने संघ के वृहद स्तर के संपन्न चातुर्मासिक समीक्षा करते हुए संघ की ओर से अपने भाव रखे। धर्मसभा का संचालन रविंद्र मुनि ने किया। कार्यक्रम में चिकपेट महिला शाखा की कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पा बोहरा, प्रकाश मेहता, महावीर चंद मूथा, प्रकाश चंद बाफना, इंदिरा चेलावत ने अपने विचार व भजन प्रस्तुत किए। ऋषिमुनि ने गीतिका प्रस्तुत की। पारस मुनि ने मांगलिक प्रदान की। स्वागत इंदरचंद बिलवाडिय़ा ने किया। संरक्षक विजयराज लूणिया ने आभार जताया। धारीवाल ने बताया कि शक्रवार सुबह 8.22 बजे मुनिवरों का विहार गोडवाड़ भवन से शांतिनगर स्थित निर्मल रंजना गुलेच्छा के निवास के लिए होगा।
Home / Bangalore / प्रेम की शुरुआत पहले घर से हो