बेलगावी. विधानसभा में गुरुवार को महादयी परियोजना को लेकर बहस के दौरान सत्तासीन कांग्रेस तथा विपक्षी दल भाजपा, जनता दल (ध) के सदस्यों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। विपक्ष जहां इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या से गोवा तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की मांग कर रहा था वहीं, सत्तासीन कांग्रेस के सदस्य पीएम नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग पर अड़े रहे।
इससे पहले भाजपा तथा जद (ध) सदस्य राज्य सरकार पर मामले की अनदेखी का आरोप लगाते हुए विधान सभाध्यक्ष की पीठ के सामने आ गए और धरना देने लगे।
इस बीच सिंचाई मंत्री एम.बी.पाटिल तथा ग्रामीण विकास तथा पंचायत राज मंत्री एच.के.पाटिल ने कहा कि यह एक अंतरराज्यीय मामला है, इसलिए मामले को केवल प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से ही सुलझाया जा सकता है। इससे पहले कर्नाटक, तमिलनाडु तथा आंध्रप्रदेश के बीच ‘तेलुगूगंगाÓ योजना का समाधान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हस्तक्षेप से ही संभव हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी जलबंटवारे के मामले में हस्तक्षेप किया था। ऐसे में मोदी यह प्रयास क्यों नहीं कर सकते।
मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने बहस का जवाब देते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान कानून के जरिए निकाला जाएगा, इसके लिए काफी समय लगेगा। यह पेयजलापूर्ति योजना है, इसलिए इसका शीघ्र समाधान होना चाहिए। महादयी पंचाट ने भी तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जलबंटवारे पर आपस में बातचीत कर हल निकालने की बात कही है। वे महाराष्ट्र तथा गोवा के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने को तैयार हैं। अक्टूबर में मुंबई में बैठक के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस तैयार हो गए थे, लेकिन अंतिम समय में गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना से गोवा राज्य को कोई नुकसान नहीं होगा। क्योंकि महादयी तथा इस नदी की उपनदियों के 200 टीएमसी पानी में से 90 फीसदी यानी 18 0 टीएमसी पानी समुद्र में चला जाता है। ऐसे में राज्य सरकार बेलगावी, गदग तथा धारवाड़ जिलों के गांवों की पेयजलापूर्ति के लिए कलसा-बंडूरी योजना के तहत केवल 7.56 टीएमसी पानी की मांग कर रहा है, इसलिए मांग करना गलत नहीं है।
मुख्यमंत्री के इस स्पष्टीकरण से नाराज जद (ध) के सदस्य विधायक कोनारेड्डी के नेतृत्व में दोबारा आसान के सामने आ गए और धरना देने लगे।विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बावजूद जब सदस्य आसन के सामने से नहीं हटे तो अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री तथा सिंचाई मंत्री का स्पष्टीकरण पूरा होने के बाद 30 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी। महादयी योजना को लेकर विधानसभा में हुई बहस में 21 मंत्रियों तथा विधायकों ने भाग लिया। सदन में सदस्यों ने पिछले चार दिनमें इस मामले को लेकर लगभग 11 घंटे बहस की।