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चुनाव के लिए सृजित की जा रही है अनिवार्य परिस्थिति

locationबैंगलोरPublished: Aug 28, 2019 10:08:42 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

पोपुलर सपोर्ट को लेकर सरकार के सामने प्रश्नचिह्न

चुनाव के लिए सृजित की जा रही है अनिवार्य परिस्थिति

चुनाव के लिए सृजित की जा रही है अनिवार्य परिस्थिति

संदीप शास्त्री (राजनीतिक विश्लेषक)
कहीं न कहीं एक ऐसी अनिवार्य परिस्थिति सृजित की जा रही है जिसमें विधानसभा भंग हो और नए सिरे से चुनाव हों। हालांकि, मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ऐसा कदापि नहीं चाहेंगे लेकिन भाजपा आलाकमान ऐसी परिस्थिति खड़ी करना चाहता है। इसमें जितनी देरी होगी पोपुलर सपोर्ट को लेकर सरकार के सामने प्रश्नचिन्ह रहेगा। पहले तो सरकार गठन की इजाजत देने में भाजपा आलाकमान ने देरी की और जब सरकार का गठन हो गया तो उसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति को इसी संदर्भ में देख सकते हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या उपमुख्यमंत्री बनना चाहिए? अगर बनना चाहिए तो किसे बनना चाहिए। येडियूरप्पा का कहना था कि उपमुख्यमंत्री किसी को भी नहीं बनना चाहिए। यहां तीन उपमुख्यमंत्री हैं। दो पूर्व उपमुख्यमंत्रियों और एक पूर्व मुख्यमंत्री को मौका नहीं दिया। इसमें दो मैसेज है। एक, दूसरी पीढ़ी के नेता तैयार कर रहे हैं। दूसरा, जो लोग उस पोजिशन पर रह चुके हैं उन्हें डिमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है। मैं इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि तीन नेताओं को उपमुख्यमंत्री बनाना अगली पंक्ति के नेताओं को तैयार करने के लिए है। यह येडियूरप्पा के लिए चेकमेट है। जो तीन उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं उनमें एक दलित, एक वोक्कालिगा और लिंगायत है। बावजूद इसके कि मुख्यमंत्री लिंगायत है एक उपमुख्यमंत्री भी उसी समुदाय का रखा गया। दरअसल, लक्ष्मण सवदी और अश्वथनारायण के लिए यह पद एक रिवार्ड की तरह है। उन्होने पिछली सरकार को गिराने में मदद की। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पिछली सरकार के प्रति लोगों का रुख जैसा हो गया था इस सरकार के प्रति भी हो जाए।
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