उन्होंने कहा कि जागरूकता फैलाने और अपील किए जाने के बावजूद कोविड नियंत्रण नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन किया जा रहा है। इसलिए प्रशासन सख्त निगरानी बरत रहा है।
दरअसल घरों से बाहर निकलते ही सामाजिक दूरी नाम की कोई चीज नहीं बची है। विशेषकर दुकानों व होटलों में नियमों को खुलेआम ठेंगा दिखाने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। दुकानदार और होटल मालिक आदि भी नियमों का पालन कराने में विफल रहे हैं। ग्राहकों के प्रति इनका रवैया उदासीन रहा है।
कॉलेज परिसर के बाहर विद्यार्थियों का जमघट शुरू हो गया है। कॉलेज के बाहर के दुकानों और विशेषकर होटल के अंदर और बाहर विद्यार्थियों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। जिन विद्यार्थियों से नियम की अनदेखी नहीं करने की उम्मीद थी वही बेफिक्र और लापरवाह हैं।
ज्यादातर सब्जी दुकानों में भी अब हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं है। सामाजिक दूरी नियम का पालन तो बिल्कुल नहीं हो रहा है। खरीददारी और बिलिंग के दौरान लोग एक दूसरे के बेहद करीब होते हैं। कैब हो या ऑटो, निर्धारित संख्या से ज्यादा लोग एक साथ यात्रा कर रहे हैं।
कर्नाटक सरकार ने सात अक्टूबर को ही मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने की राशि घटाई है। शहरी क्षेत्रों में 1000 रुपए की जगह 250 रुपए का और ग्रामीण क्षेत्रों में 500 रुपए की जगह 100 रुपए का भुगतान करना होगा। मुख्यमंत्री बी. एस. येडियूरप्पा ने कहा था कि जुर्माना राशि में कटौती का फैसला लोगों को विरोध को देखते हुए विशेषज्ञों की राय से किया गया। हालांकि, इसके अगले दिन कई चिकित्सकों ने इस निर्णय की आलोचना की।