बागलकोट, विजयपुर, कलबुर्गी, यादगीर, कोप्पल और बेलगावी के जिलाधिकारी, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ विडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को हुई बैठक के दौरान डॉ. सुधाकर ने कहा कि बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित कलबुर्गी जिले में 150 से अधिक गांव पानी से घिरे हैं और 50 गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। जिले में 23,250 लोगों को सरकारी देखभाल केंद्रों में भेजा गया है। विजयपुर जिले में 27 गांव प्रभावित हैं। एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इस जिले में 1,861 लोगों को देखभाल केंद्रों में भेजा गया है। अन्य जिलों में किसी भी राहत केंद्र की आवश्यकता नहीं है।
सुरक्षित पेयजल और गुणवत्तापूर्ण भोजन
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे देखभाल केंद्रों पर प्रभावित लोगों को स्वच्छ और शुद्ध पेयजल और गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान करें। यदि सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है, तो उबला और फिल्टर किया हुआ पानी बेहतर होगा। सरकार ने एक मेनू चार्ट प्रदान किया है और देखभाल केंद्रों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित कर स्वास्थ्य जांच के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बुखार और अन्य बीमारियों के लक्षणों वाले लोगों को ाी कोविड जांच हो। देखभाल केंद्रों पर मास्क, सैनिटाइजर और अन्य सुविधाओं की कमी न हो। सामाजिक दूरी नियमों का हर हाल में पालन हो।
डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों का प्रसार नियंत्रण में
डॉ. सुधाकर ने संचारी रोगों के प्रसार को लेकर कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष इन जिलों में डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों का प्रसार नियंत्रण में है। अगले कुछ महीने महत्वपूर्ण हैं क्योंकि त्योहारों का मौसम है। मौजूदा कोविड स्थिति के कारण जिला प्रशासन को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पडऩे पर मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों का उपयोग हो।
केरल ने ओणम के दौरान की गलती
सर्दियों और त्योहारी सीजन में संक्रमण फैलने की संभावना अधिक होती है। केरल जो वायरस को नियंत्रित करने में सफल रहा था, अब ओणम के दौरान हुई गलतियों के कारण पीडि़त है। संक्रमण बढ़ रहे हैं। यहां भी वही गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए। मंत्री लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) के प्रति आभार व्यक्त किया।