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बैंगलोर

चुनाव आयोग का नाक, कान, आंख बने मीडिया

मतदान गणतंत्र का त्यौहार है। इस त्यौहार में मतदाताओं को उनके अधिकारों की जानकारी देकर उनको मतदान के लिए प्रेरित करने में मीडियाकी भूमिका निर्णायक होती है।

बैंगलोरMar 17, 2019 / 07:03 pm

Santosh kumar Pandey

bangalore news

चुनाव आयोग का नाक, कान, आंख बने मीडिया

बेंगलूरु. मतदान गणतंत्र का त्यौहार है। इस त्यौहार में मतदाताओं को उनके अधिकारों की जानकारी देकर उनको मतदान के लिए प्रेरित करने में मीडियाकी भूमिका निर्णायक होती है। आचार संहिता का उल्लंघन न हो इसलिए आयोग हरसंभव प्रयास कर रहा है। लेकिन मीडिया चुनाव आयोग के लिए नाक, कान तथा आंखें बन कर आचार संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कर सकता है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने यह बात कही। शनिवार को मीडिया के लिए आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि मीडिया के सहयोग के बगैर मतदाताओं को जागरूक करना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि पेड न्यूज तथा झूठी, बेबुनियाद खबरों का प्रसारण जैसे मामलों को केवल कानून के सहारे नियंत्रित करना संभव नहीं है। मीडिया को स्वयं को ही अनुशासन में ढलकर इसका समाधान करना चाहिए। पेड न्यूज के कारण पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया बाधित होती है। ऐसी खबरों का मतदाताओं पर प्रभाव पडऩे के कारण मीडिया को ऐसी खबरें चलाते समय संयम बरतना चाहिए।
उन्होंने कहा की चुनाव आयोग ने कई बार साबित किया है कि इलेक्ट्रिॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) से छेडख़ानी संभव नहीं है। इसके बावजूद कई लोग इवीएम को लेकर भ्रम पैदा कर रहे हैं। मीडिया यह भ्रम दूर करने में कारगर भूमिका अदा करनी होगी।
संयुक्त मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. के.जी. जगदीश ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से आचार संहिता का उल्लंघन न हो इसलिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। समाचार पत्र, न्यूज चैनल में विज्ञापन जारी करने से पहले प्रमाणपत्र की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व में घोषित सूखा प्रभावित क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं और राहत कार्य जारी रखने में आचार संहिता बाधक नहीं है।
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