साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि पापों से मुक्ति पाने और शुध्दिकरण के लिए तीर्थ स्थान पर सेवा करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होगी। जिंदगी की असली कमाई साधना है। धन, माया और शरीर सब मिट्टी है। उन्होंने प्रेरणा दी कि छोटी आयु के बच्चों को मोबाइल के बजाए उन्हें धार्मिक ज्ञान, योग या अच्छी बात सिखाएं। उन्होंने सात्विक भोजन पर भी जोर दिया।
मेघराज भंसाली ने बताया कि रविवार तक गुरु राजेंद्र भवन किलारी रोड में साध्वी का प्रवास रहेगा। सोमवार को गुजरात की ओर विहार करेंगी।विहार सेवा में वसंतराज भंसाली, गौतमचंद लुणिया,पारस भंसाली,प्रवीण भंसाली, कैलाश जैन, भैरुभाई मानावत आदि उपस्थित रहे।