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बैंगलोर

संपर्क संक्रमण से फैल रहा कोरोना

– वायरस का बढ़ता प्रसार: 207 में से 132 ने नहीं की विदेश यात्रा, एसएआरआइ के भी 8 मरीज- तबलीगी जमात और दिल्ली यात्रा वाले 37 संक्रमित- नंजनगुड स्थित फार्मा कंपनी के 16 कर्मचारी और आठ संपर्क में आए लोग संक्रमित

बैंगलोरApr 12, 2020 / 07:46 pm

Nikhil Kumar

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निखिल कुमार

बेंगलूरु. प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। 34 दिनों में कोविड-19 (Covid- 19) के 207 मामले सामने आ चुके हैं। सरकार का कहना है कि राज्य में कोरोना के पहले मरीज की पुष्टि 8 मार्च को हुई थी। हालांकि, उसके बारे में 9 मार्च को जानकारी सामने आई थी। आईटी पेशेवर यह मरीज अमरीका से दुबई होते हुए बेंगलूरु लौटा था।

अगले 48 मरीज में से 43 मरीज विदेश यात्रा से लौटे थे। इसके बाद सामने आने वाले ज्यादातर मरीजों में कोरोना वायरस (Novel Corona Virus) का संक्रमण उन मरीजों से फैला जो विदेशों से संक्रमित हो कर लौटे थे। 207 में से 132 मरीज ऐसे हैं जिन्होंने विदेश यात्रा नहीं की और घर बैठे-बैठे ही कोविड-19 का शिकार हो गए। 37 तो ऐसे मरीज हैं जिनका ताल्लुक तबलीगी जमात मरकज से हंै। कर्नाटक ही नहीं, देश भर में काफी संख्ेया में तबलीगी जमात से जुड़े लोग कोविड-19 के शिकार पाए गए हैं। इस बीच, श्वसन रोग (एसएआरआइ) से पीडि़त बुजुर्गों के भी कोरोना संक्रमित होने के मामले बढ़ रहे हैं। अप्रेल के 10 दिनों में 8 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

संपर्क से फैले कोरोना वायरस का एक और उदाहरण है नंजनगुड स्थित फार्मा (Nanjangud Pharma Company) कंपनी जहां एक 35 वर्षीय मरीज (पी-52) में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद 16 कर्मचारी व आठ परिजन पॉजिटिव पाए गए हैं। किसी ने भी विदेश की यात्रा नहीं की थी। इन कर्मचारियों में वायरस का फैलना अब तक रहस्य बना हुआ है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर प्रधान सचिव जावेद अख्तर ने बताया कि पहले चीन से आने वाले कच्चे माल व चिकित्सा उपकरणों से वायरस फैलने का शक था। लेकिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी), बेंगलूरु में इन सामग्रियों की जांच में कोरोना के संकेत नहीं मिले हैं। चीन से आए माल में जैल और पाउडर भी थे। पाउडर के कारण वायरस फैलने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं हैं। इसलिए जैल को भी जांच के लिए पुणे स्थित एनआइवी भेजा गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से पहले चीन के एक प्रतिनिधि ने कंपनी का दौरा किया था, उसके संक्रमित होने का अंदेशा है।

पी-161 से पी-207 के इतिहास पर नजर डालें तो इन 46 मरीजों ने भी विदेश यात्रा नहीं की है। सभी अपने परिजनों या अन्य लोगों के सपंर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। 207 पॉजिटिव मरीजों में 11 बच्चे भी हैं। इनमें से नौ बच्चों ने भी विदेश यात्रा नहीं की है।

संक्रमितों में 10 माह का एक बच्चा भी है। 10 मार्च को बच्चे में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इस बच्चे या फिर इसके माता-पिता ने कभी विदेश यात्रा नहीं की। मां और दादी बच्चे को लेकर केरल में रह रहे एक परिजन से मिलने गई थी। लेकिन, परिजन के घर से भी किसी के विदेश यात्रा का इतिहास नहीं है। मरीजों के प्राइमरी कॉन्टेक्ट व सेकंडरी कॉन्टेक्ट (primary and secondary contact) में आए 23,671 लोग फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं।

38.46 फीसदी में संक्रमण का स्रोत अज्ञात
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (The Indian Council of Medical Research -आइसीएमआर) ने भी अपने संपर्क से फैले वायरस को लेकर चिंता जताई है। आइसीएमआर के अनुसार देश के 38.46 संक्रमित लोग ना तो किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए थे और ना ही विदेश गए थे। वहीं देश के 15 राज्यों के 36 जिलों में मिले पॉजिटिव मरीज कभी विदेश गए ही नहीं थे। पहले चरण में विदेशों से आए लोगों में इसके लक्षण दिखते हैं। दूसरे चरण में उनके संपर्क में आने वालों में कोरोना फैलता है और तीसरे चरण में ये कम्युनिटी में फैलने लगता है।

दो-तीन सप्ताह में बढ़ सकते हैं मामले
विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के लिए अगले दो-तीन सप्ताह काफी महत्वपूर्ण होंगे। इस दौरान मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। जानकारों का कहना है कि अभी तक जांच का दायरा सीमित था लेकिन अब मरीजों के परोक्ष संपर्क में आए लोगों के भी जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग 12 अप्रेल से मरीजों के सेकेंडरी संपर्क में आए लोगों की रेंडम जांच शुरु करेगा और इसके बाद ही ज्यादा साफ तस्वीर सामने आ पाएगी। अभी तक सिर्फ प्राइमरी संपर्क में आए लोगें की ही जांच की जा रही थी जबकि सेंकेडरी संपर्क में आए लोगों को निगरानी में रखा जा रहा था। शुक्रवार को भी 574 लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए।

बेंगलूरु में विदेश से लौटे ज्यादा संक्रमित
बेंगलूरु में कुल 71 पॉजिटिव मरीज हैं। इनमें से 70 फीसदी ने कोरोना वायरस प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा की है लेकिन विदेश नहीं। 71 में से 18 पॉजिटिव मरीज प्राइमरी संपर्क वाले हैं जबकि पांच मरीज तबलीगी जमात के मरकज से लौटने के बाद संक्रमित हुए। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव मरीजों के कुल 457 प्राइमरी व 4089 सेकेंडरी संपर्क को चिन्हित कर निगरानी में रखा है।

राज्य में जांच के लिए पांच लैब
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने देश भर में 67 नए निजी लैबों को कोरोना वायरस जांच के लिए अधिकृत किया। इनमें से पांच कर्नाटक में हैं। शहरी इलाकों में निगरानी प्रक्रिया तेज करने के लिए प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 50 फीसदी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को फीवर क्लिनिक में बदलने की अधिसूचना जारी की है। स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत सुवर्ण आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट ने सभी जिला अधिकारियों को अधिसूचना जारी कर गैर कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए अस्पताल चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं।

167 मरीजों का उपचार जारी
राज्य के विभिन्न अस्पतलों में अभी 167 मरीजों का उपचार चल रहा है जिसमें से चार आइसीयू (icu) में हैं। बाकी 163 मरीज स्थिर हैं। प्रदेश में कुल 23,089 प्राइमरी व सेकेंडरी संपर्क वाले लोग निगरानी में हैं। जांच के लिए भेजे गए 7,975 नमूनों में से 7,673 में वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। संदिग्ध लक्षण वाले 492 लोग प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।

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