स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार शिशु के माता-पिता या फिर किसी परिजन ने हाल में विदेश यात्रा नहीं की है। संभव है कि परिवार जब शिशु को लेकर केरल के कासरगोड गया था, तब उसे संक्रमण हुआ।
तीन सप्ताह में 80 हजार लोगों को जांचने का लक्ष्य
बेंगलूरु. जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्क्यूलर सायंसेस एंड रिसर्च के निदेशक व प्रदेश लैब जांच के नोडल अधिकारी डॉ. सी. एन. मंजूनाथ ने कहा कि एक लाख एंटीबॉडी टेस्ट स्ट्रिप मंगाए गए हैं। 12 अप्रेल तक आपूर्ति होगी। 20 जनवरी से 23 मार्च तक प्रदेश में प्रवेश कर चुके करीब 1.2 लाख विदेशी यात्री, विदेशों से आने वाले भारतीय और उनके परिजन स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती हैं। 37356 लोग पहले से ही निगरानी में हैं। अगले तीन सप्ताह में करीब 80 हजार लोगों को जांचने का लक्ष्य है।
फीवर क्लिनिक्स सहित अन्य अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मचारियों को जांच के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। लेकिन इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की अनुमति चाहिए होगी। प्रारंभिक जांच के बाद आइसीएमआर निर्णायक जांच कर सकेगा।