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बैंगलोर

संगीत के माध्यम से ही विश्व में समरसता संभव : हंसलेखा

विभिन्न धर्म, समुदाय, जातियों, भाषाओं वाले विश्व को संगीत एक सूत्र में पिरो सकता है। संगीत के माध्यम से विश्व में समरसता संभव है। यह कहना है संदलवुड के मशहूर संगीतकार हंसलेखा का।

बैंगलोरJan 21, 2019 / 12:39 am

शंकर शर्मा

संगीत के माध्यम से ही विश्व में समरसता संभव : हंसलेखा

संगीत के माध्यम से ही विश्व में समरसता संभव : हंसलेखा

बेंगलूरु. विभिन्न धर्म, समुदाय, जातियों, भाषाओं वाले विश्व को संगीत एक सूत्र में पिरो सकता है। संगीत के माध्यम से विश्व में समरसता संभव है। यह कहना है संदलवुड के मशहूर संगीतकार हंसलेखा का।

शुक्रवार को तीन दिवसीय संगीत उत्सव के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि युद्ध, आतंकवाद जैसी समस्याओं से जूझ रही दुनिया को संगीत ही राहत दिला सकता है। युवा प्रतिभाओं को संगीत क्षेत्र में सक्रिय रहने के लिए अभिभावकों तथा समाज को प्रोत्साहित करना होगा।

तीन दिवसीय इस संगीत महोत्सव में कर्नाटक संगीत, हिंदुस्थानी संगीत, लोक संगीत समेत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। 20 जनवरी को संगीत क्षेत्र की पांच शख्सियतों को कर्नाटक संगीत संघ के वार्षिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के लिए गायिका बी.के. सुमित्रा, दोड्ड रंगेगौड़ा, प्रवीण गोडखिंडे आदि का चयन किया गया है।


उन्नत कृषि तकनीक अपनाएं किसान
बीदर. कृषि विभाग के सहायक निदेशक एम.ए. अन्सारी की अध्यक्षता में निदेशक कार्यालय में तालुका कृषि समाज की बैठक रखी गई। बैठक में इजराइल की तर्ज पर कृषि पद्धति को बढ़ावा देने के संबंध में गहन चर्चा की गई। अंसारी ने किसानों से उन्नत कृषि तकनीक अपनाने का आह्वान किया।


बैठक में यह भी चर्चा की गई कि तालुका कृषि समाज के लिये बीदर तालुका में खुद की इमारत नहीं है। इमारत निर्माण करने के लिये खाली जगह उपलब्ध कराने के लिये एपी.एम.सी. के अधिकारी को अपील पत्र देने के बारे में बैठक में फैसला लिया गया। बोरवेल रिचार्ज करने के विधान संबंधी किसानों में जागृति लाने के लिये वर्कशाप आयोजित करने की बात कार्यकारी सदस्यों ने बताई। बेंगलूर में होने वाले सावयव तथा सिरिधान्य मेले में भाग लेने के लिए सभी कार्यकारी सदस्यों को सूचित किया गया।


बैठक में अकाल के हालात पर भी चर्चा की गई। कृषि विभाग के सहायक निदेशक ने अपील की कि मनरेगा योजना के संबंध में अधिक प्रचार करके अकाल की स्थिति में तालुक के मजदूरों को काम मुहैया कराने में सहायक बने।
तालुका कृषि समाज के अध्यक्ष सिद्धरामय्या स्वामी, उपाध्यक्ष महेश चिंतामणी, सदस्य दयानंद स्वामी शिवय्या स्वामी, संजीवकुमार वैजनाथ बुय्या, अनिल अंटगे, शंकरप्पा पाटील, मछलीपालन विभाग के वीरभद्रप्पा, कृषि विभाग के पांडुरंग पाटील सहित अन्य उपस्थित थे।

 

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