scriptमैसूरु दशहरा महोत्सव : सादगी के साथ परंपरागत अंदाज में समापन, महल परिसर तक सीमित रही जंबो सवारी | Mysuru Dussehra , mysuru palace, elephant abhimanyu, Golden Throne | Patrika News
बैंगलोर

मैसूरु दशहरा महोत्सव : सादगी के साथ परंपरागत अंदाज में समापन, महल परिसर तक सीमित रही जंबो सवारी

विजयदशमी पर परंपरागत जंबो सवारी के साथ महोत्सव का समापन हो गया। हालांकि, जंबो सवारी सिर्फ महल परिसर तक ही सीमित रही। गजराज अभिमन्यु ने लगातार दूसरे साल जंबो सवारी का नेतृत्व किया। अभिमन्यु 750 किलो वजनी ऐतिहासिक स्वर्ण सिंहासन पर विराजित देवी चामुंडेश्वरी की उत्सव मूर्ति को लेकर जंबो सवारी में शामिल हुआ।

बैंगलोरOct 16, 2021 / 07:42 pm

MAGAN DARMOLA

मैसूरु दशहरा महोत्सव : सादगी के साथ परंपरागत अंदाज में समापन, महल परिसर तक सीमित रही जंबो सवारी

बेंगलूरु. कोरोना पाबंदियों के कारण लगातार दूसरे साल विश्व प्रसिद्ध मैसूरु दशहरा महोत्सव का आयोजन सादगी से हुआ। शुक्रवार को विजयदशमी पर परंपरागत जंबो सवारी के साथ महोत्सव का समापन हो गया। हालांकि, जंबो सवारी सिर्फ महल परिसर तक ही सीमित रही। गजराज अभिमन्यु ने लगातार दूसरे साल जंबो सवारी का नेतृत्व किया। अभिमन्यु 750 किलो वजनी ऐतिहासिक स्वर्ण सिंहासन पर विराजित देवी चामुंडेश्वरी की उत्सव मूर्ति को लेकर जंबो सवारी में शामिल हुआ।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने महल परिसरर के बाद नंदी ध्वज पूजा कर जंबो सवारी का शुभारंभ किया। बोम्मई ने हाथी पर स्वर्ण हौदे में विराजित देवी को पुष्पांजलि अर्पित की। बोम्मई के साथ पूर्व शाही परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर कृष्णदत्ता चामराजा वाडिया, महापौर सुनंदा पालनेत्रा आदि भी मौजूद थे।

 

 

मैसूरु दशहरा महोत्सव : सादगी के साथ परंपरागत अंदाज में समापन, महल परिसर तक सीमित रही जंबो सवारी

पहली बार शोभा यात्रा के साथ महल आई मूर्ति

पहली बार जंबो सवारी से पहले चामुंडी पहाड़ी पर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर से देवी चामुंडेश्वरी की उत्सव मूर्ति रजत हौदे में शोभा यात्रा के साथ मैसूरु महल परिसर लाई गई। जंबो सवारी में मुख्य हाथी पर स्वर्ण हौदे में इसी उत्सव मूर्ति को विराजित किया जाता है। पहले वाहन में मूर्ति को सादगी से लाया जाता था।

 

मैसूरु दशहरा महोत्सव : सादगी के साथ परंपरागत अंदाज में समापन, महल परिसर तक सीमित रही जंबो सवारी

झांकियों, कलाकारों ने भरा रंग

सादगी के साथ सीमित आयोजन के बीच जंबो सवारी में झांकियों और कलाकारों ने रंग भर दिया। पिछले साल की तरह इस साल भी जंबो सवारी सिर्फ महल परिसर तक ही सीमित रही। हालांकि, कोरोना की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रहने के कारण अधिक संख्या में लोगों को भाग लेने की अनुमति दी गई थी। जंबो सवारी में 500 लोगों को अनुमति दी गई थी मगर भीड़ इससे ज्यादा रही। आमतौर पर जंबो सवारी महल परिसर से शुरू होकर बन्नी मंडप पहुंचती थी। पांच किलोमीटर की दूरी को तय करने में करीब साढ़े तीन घंटे लगता था।

 

मैसूरु दशहरा महोत्सव : सादगी के साथ परंपरागत अंदाज में समापन, महल परिसर तक सीमित रही जंबो सवारी

जंबो सवारी देखने हजारों लोग उमड़ते थे। टार्च लाइट परेड के साथ जंबो सवारी का समापन होता था। इसमें कलाकारों के 30-35 समूह राज्य के परंपरागत नृत्यों की प्रस्तुति देते थे। 20-25 झांकियां प्रदर्शित होती थी। हाथियों की संख्या भी १२ तक होती थी।

मैसूरु दशहरा महोत्सव : सादगी के साथ परंपरागत अंदाज में समापन, महल परिसर तक सीमित रही जंबो सवारी

हालांकि, इस बार जंबो सवारी महल परिसर तक सीमित रही और एक घंटे से कम समय में ही पूरी हो गई। इस बार पांच झांकियों को शामिल किया गया जबकि कलाकारों के 20 दलों ने भाग लिया। आजादी के अमृत महोत्सव और कोरोना को लेकर जागरुकता पर भी झांकी थी।

 

मैसूरु दशहरा महोत्सव : सादगी के साथ परंपरागत अंदाज में समापन, महल परिसर तक सीमित रही जंबो सवारी

अगले साल भव्य आयोजन की आस

कोरोना के मामलों में कमी के बावजूद विशेषज्ञों की राय को देखते हुए सरकार ने इस साल भी सादगी से दशहरा महोत्सव का आयोजन निर्णय लिया था। महल परिसर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रकाश सज्जा को छोड़कर दशहरा के दौरान होने वाली अन्य गतिविधियों और कार्यक्रमों को अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि, नवरात्र के दौरान शाम के समय होने वाली बारिश बाधा बनी मगर महल परिसर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोगों की अच्छी संख्या में उपस्थिति रही। इस साल 102 किमी के दायरे में प्रकाश सज्जा की गई थी। साथ ही कार्यक्रमों का विभिन्न प्लेटफार्मों पर लाइव प्रसारण भी किया गया।

मैसूरु दशहरा का जुलूस यहां देखिए

पिछले साल की तुलना में इस साल का आयोजन आतिथ्य क्षेत्र के लिए बेहतर रहा। सादगी से आयोजन के बावजूद दशहरा के दौरान मैसूरु आने वाले सैलानियों की संख्या बढऩे के कारण होटलों और रेस्तरांओं का कारोबार अपेक्षाकृत अच्छा रहा। दशहरा महोत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा था कि अगर कोरोना पूरी तरह नियंत्रित हो जाता है तो अगले साल दशहरा महोत्सव का भव्य आयोजन होगा। इससे हितधारकों में उम्मीद की किरण जगी है।

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