महामारी विशेषज्ञ व Karnataka के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य रहे डॉ. गिरिधर आर. बाबू के अनुसार चीन में बच्चों में सांस की बीमारियों में हालिया वृद्धि चिंता का विषय है। हालांकि, पूर्ण जोखिम मूल्यांकन के लिए डेटा अपर्याप्त है। वहां के मरीजों में ऐसे लक्षण दिखे, जो सामान्य श्वसन रोगजनकों से मेल खाते हैं। विशेष रूप से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से, जो इस मौसम के लिए विशिष्ट हैं। ये मामले माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे जीवाणु संक्रमण के कारण हो सकते हैं। यह बच्चों में निमोनिया का प्रमुख कारण है। सौभाग्य से एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय China में बच्चों में श्वसन रोग का कारण बने एच9एन2 वायरस के प्रसार पर करीबी नजर रखे हुए है। सरकार ने आश्वस्त किया है कि भारत चीन में मौजूदा इन्फ्लूएंजा की स्थिति से पैदा होने वाली किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए तैयार है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि चीन में पता चले एवियन इन्फ्लूएंजा और श्वसन संबंधी बीमारियों से भारत को कम खतरा है। डॉ. गिरिधर ने यह भी कहा कि व्यापक जोखिम विश्लेषण का अभाव मुख्य चुनौती है। निगरानी डेटा की सतर्क और निरंतर ट्रैकिंग यह निर्धारित करने के लिए जरूरी है कि क्या इन मामलों की आवृत्ति और गंभीरता सामान्य स्ट्रेन और बीमारियों के लिए अपेक्षित स्तर से अधिक है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है।