scriptखदान विस्फोट पर एनजीटी ने लिया स्वत: संज्ञान, जांच के लिए पैनल गठित | NGT takes suo motu cognisance of Chikkaballapur quarry blast | Patrika News

खदान विस्फोट पर एनजीटी ने लिया स्वत: संज्ञान, जांच के लिए पैनल गठित

locationबैंगलोरPublished: Feb 27, 2021 10:28:09 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

एक महीने में रिपोर्ट सौंपेगी समिति, भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों का भी देगी सुझाव

खदान विस्फोट पर एनजीटी ने लिया स्वत: संज्ञान, जांच के लिए पैनल गठित

खदान विस्फोट पर एनजीटी ने लिया स्वत: संज्ञान, जांच के लिए पैनल गठित

बेंगलूरु.
चिक्कबल्लापुर जिले के हिरेनागवल्ली खदान में हुई विस्फोट की घटना को राष्ट्रीय हरिट पंचाट (एनजीटी) ने स्वत: संज्ञान में लिया है। पंचाट ने एक पैनल गठित की है जो इस घटना का अध्ययन कर ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुझाव देगा।
न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी की प्रमुख पीठ ने इस संदर्भ में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी),राज्य के खान विभाग के निदेशक और चिक्कबल्लापुर के जिला आयुक्त को नोटिस जारी किया। हिरेनागवल्ली स्थित पत्थर की खदान में पिछले 22 फरवरी को जिलेटिन की छड़ों में विस्फोट हुआ जिसमें छह लोग मारे गए जबकि एक घायल हो गया। एनजीटी ने छह सदस्यीय समिति गठित की है जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, चिक्कबल्लापुर के जिला आयुक्त, खनन महानिदेशक (भारत सरकार) का एक प्रतिनिधि, चीफ एक्सप्लोसिव्स कंट्रोलर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और निदेशक खान विभाग (कर्नाटक) सदस्य होंगे। इन्हें रिपोर्ट फाइल करने को कहा गया है। इसके बाद न्यायाधीश ने मामला 30 अप्रेल तक के लिए स्थगित कर दिया।
समिति अगले एक सप्ताह के भीतर घटनास्थल का दौरा कर सकती है। घटना में हुए नुकसान का आकलन विभिन्न मानदंडों पर होगा। इसमें पर्यावरण को हुए नुकसान के साथ-साथ जानमाल की क्षति और आवश्यक मुआवजे भुगतान की सीमा भी तय होगी। घटनास्थल का एक दौरा करने के बाद प्रक्रियाओं को ऑनलाइन निपटाने के लिए समिति स्वतंत्र होगी। समिति हितधारकों के साथ बातचीत कर सकती है और वर्तमान घटना पर विचार करने के अलावा, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपायों पर भी विचार कर सकती है।
एनजीटी ने कहा कि पूरी घटना ने ऐसे कई सवालों को उठाया है जिसका पालन खदान मालिक द्वारा किया गया या नहीं। इसमें खतरनाक रासायनों के उत्पादन, आयात और भंडारण नियम 1989, रासायनिक दुर्घटना (आपातकालीन योजना, तैयारी और प्रतिक्रिया) नियम 1996, शामिल हैं। इन कानूनों का गठन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत किया गया और यह एनजीटी अधिनियम 2010 की अनुसूची में आता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो