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बैंगलोर

ऐसा उपहार किसी भाई ने नहीं दिया होगा

जुग-जुग जीने की दुआ देकर जवानों को दी विदाई
महिलाओं ने कहा, आभार जताने के लिए शब्द नहीं

बैंगलोरAug 14, 2019 / 07:39 pm

Santosh kumar Pandey

bangalore news

ऐसा उपहार किसी भाई ने नहीं दिया होगा

बेंगलूरु. कलाई पर बंधी राखियां एक ओर जहां जवानों के चेहरे पर मुस्कान ला रहीं थीं वहीं उन्हें बांधने वाली महिलाओं की आंखें नम थीं। यह कोई सगे भाई नहीं थे, खून का रिश्ता नहीं था लेकिन अपनापन शायद इनसे कहीं बढक़र था। सेना के जवानों व बचाव दल के सदस्यों ने भीषण बाढ़ में अपनी जान पर खेलकर इन महिलाओं और इनके परिवार की जान बचाई थी। यही वजह है कि रक्षाबंधन पर्व से पहले ही राज्य के उत्तर कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित परिवारों की महिलाओं ने भाई-बहन के बीच प्यार का प्रतीक राखी का त्यौहार मनाया। महिलाओं ने उनकी लंबी जिंदगी के लिए दुआएं देकर और आभार प्रकट कर विदाई दी।
बाढ़ प्रभावित लोगों का मानना है कि विकट हालात का मुकाबला करके उनको बचाने के लिए जब तक बचावकर्मी नहीं पहुंचे तब उनकी जिन्दगी खतरे में थी। थल सेना के अधिकारी व जवान, एनडीआरएफ, एसडीआरफ, अग्निशमन बल के जवानों का आभार जताने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। महिलाओं ने बचाव कर्मियों के सिर पर टीका लगाकर, राखी बांधी और मुंह मीठा करवाकर जुग-जुग जीने की दुआएं दीं। महिलाओं ने कहा कि यह एक ऐसा उपहार है जो शायद ही किसी भाई ने बहन को दिया हो।
बेलगावी जिले में एक अधिकारी की कलाई पर राखी बांधने के बाद गर्भवती महिला सावित्री ने कहा कि बचावकर्मियों द्वारा हमें मिला जीवनदान राखी पर भाई द्वारा मिलने वाले उपहार से कहीं बढक़र है। क्योंकि जब मेरी जिंदगी खतरे में थी, तब इन्हीं बहादुर लोगों ने मेरी और होने वाले बच्चे की जिंदगी बचाई।
पंद्रह जिलों में सेना के जवान सक्रिय
भारतीय थल व नौसेना के जवानों से युक्त सेना के बचाव दलों ने राज्य के बाढ़ पीडि़त 15 से अधिक जिलों में हजारों लोगों को बचाया। सेना के बचाव दल ने हम्पी के पास वीरापुरा गड्डी में फंसे 25 विदेशियों सहित 75 से अधिक लोगों को बचाया।

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